एशिया के विकास में अहम भूमिका निभाएगा एआइआइबी : मोदी
भारत इस बैंक में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा भागीदार और अब तक का सबसे बड़ा कर्ज प्राप्तकर्ता देश है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई है कि एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक संपूर्ण एशिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यहां एआइआइबी के तीसरे वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में उन्होंने यह बात कही।
दो साल पहले चीन में स्थापित इस बहुपक्षीय विकास बैंक के तीसरे सम्मेलन का आयोजन मुंबई में किया गया। भारत इस बैंक में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा भागीदार और अब तक का सबसे बड़ा कर्ज प्राप्तकर्ता देश है। सम्मेलन में बैंक के 87 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में इस बैंक के निवेश का लाभ अरबों लोगों को मिलेगा। एआइआइबी ने जनवरी 2016 में अपना कामकाज शुरू किया था। इतने कम समय में ही 87 देश इसके सदस्य बन चुके हैं।
मोदी के अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्तीय सेवा और रोजगार के अवसरों के मामले में एशियाई देश अब भी असमानताओं से जूझ रहे हैं। विकासशील देश होने के कारण लगभग सभी एशियाई देशों की चुनौतियां एक समान हैं। इन्हीं चुनौतियों में एक बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाना भी है। इस मजबूती का लाभ अरबों लोगों को मिलेगा। इन देशों को ऊर्जा, बिजली, परिवहन, दूरसंचार, ग्रामीण बुनियादी ढांचा, कृषि विकास, जलापूर्ति एवं स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, शहरी विकास एवं लॉजिस्टिक्स के लिए दीर्घावधि फंड की जरूरत होती है। इस तरह के फंड पर ब्याज दर भी किफायती होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री के अनुसार यह खुशी की बात है कि इस साल के सम्मेलन की थीम 'आधारभूत संरचना के लिए धन जुटाना: नवाचार एवं तालमेल' रखी गई है। एआइआइबी ने इतनी कम अवधि में करीब एक दर्जन देशों की 25 परियोजनाओं के लिए चार अरब डॉलर से अधिक वित्तीय मदद मुहैया कराई है। मोदी ने कहा कि एआइआइबी को 2020 तक 40 अरब डॉलर (2.72 लाख करोड़ रुपये) और 2025 तक 100 अरब डॉलर (6.8 लाख करोड़ रुपये) की मदद जरूरतमंद देशों को मुहैया कराने का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए।
ग्लोबल अर्थव्यवस्था में भारत चमकता सितारा
भारत की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एआइआइबी और भारत दोनों मिलकर आर्थिक विकास को विस्तृत और स्थायी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। देश में नया पीपीपी मॉडल, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेबिट फंड एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक चमकदार सितारे की तरह उभरा है। एक लंबे इंतजार के बाद आर्थिक मामलों में भारत की रेटिंग्स भी सुधरी हैं।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस समय भारत निवेशकों के लिए सबसे अनुकूल देश बन गया है। हमने व्यापार के नियमों को आसान बनाया है। हमने निवेशकों के लिए बेहतर माहौल तैयार किया है। उनके अनुसार कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी के बावजूद देश में महंगाई नियंत्रण में है। उन्होंने भारतमाला, सागरमाला एवं उड़ान जैसी यातायात से संबंधित योजनाओं का उल्लेख किया और कृषि क्षेत्र को देश की रोजी-रोटी बताया। इस क्षेत्र की उन्नति के लिए वेयरहाउस, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड चेन और फसल बीमा जैसी योजनाओं में निवेश किया जा रहा है। देश तेजी से डिजिटल भी हो रहा है।