कौशल विकास से कृषि क्षेत्र को मिलेंगे कुशल लोग, 690 केंद्रों पर प्रशिक्षण
देश में कृषि की पराली जलाने से पर्यावरण को गंभीर खतरा है, जिससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत को पूरा करने के लिए देश लगभग सात सौ कृषि विज्ञान केंद्र काफी मुफीद साबित होने वाले हैं। केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय ने मंगलवार को कृषि मंत्रालय के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इससे प्रधानमंत्री के 'कौशल भारत से कुशल भारत' का सपना पूरा हो सकता है।
समझौते के तहत सभी कृषि विज्ञान केद्रों पर नियमित रूप से कौशल विकास प्रशिक्षण के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। यहां होने वाले सभी प्रशिक्षण कृषि अथवा उससे जुड़े उद्यमों पर आधारित होंगे। हालांकि कुछ कृषि विज्ञान केंद्रों पर पहले से ही कौशल विकास के कार्यक्रम जारी है, वे पूर्ववत चलते रहेंगे। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इससे कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव संसाधनों की कमी नहीं होगी।
केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश के 40 फीसद कामकाजी आबादी कृषि क्षेत्र में लगी हुई है। इस 22 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित कर उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाने का प्रयास है। दरअसल किसानों की आमदनी को वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के प्रधानमंत्री की घोषणा को पूरा करने की दिशा में यह प्रयास सार्थक साबित होगा।
प्रधान ने जोर देकर कहा कि बगैर कौशल विकास के इस लक्ष्य को प्राप्त करना संभव नहीं होगा। कृषि क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी और नये बिजनेस मॉडल आ गये हैं, जिनके लिए प्रशिक्षित लोगों की सख्त जरूरत है। देश की 22 हजार ग्राम हॉट को मंडियों में तब्दील करने के लिए प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत पड़ेगी, जिसकी भरपाई कौशल विकास से ही संभव है।
देश में कृषि की पराली जलाने से पर्यावरण को गंभीर खतरा है, जिससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सरकार ने अपने आम बजट को एक अप्रैल से लागू करने को प्रतिबद्ध है। इसे लागू करने के लिए अनुभवी और प्रशिक्षित लोगों की जरूरत है। 690 कृषि विज्ञान केंद्रों में इसकी शुरुआत की जा रही है। लेकिन कृषि मंत्रालय के पास सैकड़ों ऐसे आधुनिक संस्थान हैं, जहां से हर साल हजारों की संख्या में प्रशिक्षित लोग तैयार होते हैं।
कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएं है, जिसके दोहन के लिए लोगों की भी जरूरत है। बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के साथ इसमें लोगों को तैयार करना सरकार की प्राथमिकता है।