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हरिद्वार व वाराणसी में एसटीपी के लिए करार

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में इस आशय के करार पर हस्ताक्षर किए गए।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 11 Oct 2017 10:38 PM (IST)Updated: Wed, 11 Oct 2017 10:38 PM (IST)
हरिद्वार व वाराणसी में एसटीपी के लिए करार
हरिद्वार व वाराणसी में एसटीपी के लिए करार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गंगा में शहरी सीवेज गिरने से रोकने के लिए सरकार ने दो निजी कंपनियों के साथ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने को करार किया है। यह करार हरिद्वार और वाराणसी में हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर एसटीपी लगाने के लिए किया गया है।

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इस मॉडल के तहत निजी कंपनियां एसटीपी लगाएंगी और इनको बनाने तथा 15 साल तक चलाने के लिए जो भी खर्च आएगा उसे केंद्र सरकार वहन करेगी। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में इस आशय के करार पर हस्ताक्षर किए गए।

हरिद्वार 82 एमएलडी की क्षमता का एसटीपी लगेगा जिसकी लागत करीब 171 करोड़ रुपये आएगी। इसी तरह वाराणसी में 50 एमएलडी की क्षमता का एसटीपी लगेगा जिस पर 153.16 करोड़ रुपये की लागत आएगी। हरिद्वार में एसटीपी चलाने के लिए एनएनबी इंजीनियर्स लिमिटेड के साथ करार किया गया है वहीं वाराणसी में एसेल इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड को एसटीपी का ठेका दिया गया है।

गडकरी ने इस मौके पर पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि गंगा को निर्मल बनाना कठिन कार्य है। यह आसान काम नहीं हैं। सरकार की कोशिश है कि 2019 में जब गंगा के जल में प्रदूषण मापा जाएगा तो इसमें काफी बदलाव देने को मिलेगा।

गडकरी का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी पूर्ववर्ती मंत्री उमा भारती ने कई बार मीडिया में बयान दिया था कि सरकार ने गंगा को निर्मल बनाने के पहले चरण को अक्टूबर 2018 तक पूरा करने का संकल्प लिया है। गडकरी ने यह भी बताया कि गंगा पर एक दर्जन से अधिक एसटीपी हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय जल्द ही इन एसटीपी को बनाने के लिए टेंडर जारी करेगा।

कानपुर में टेनरियों से गंगा में होने वाले प्रदूषण के बारे में गडकरी ने कहा कि मंत्रालय ने टेनरियों के प्रदूषण को रोकने के लिए एक नयी प्रौद्योगिकी के बारे में विचार किया है। टेनरी एसोसिएशन ने इस संबंध में सकारात्मक सुझाव दिया है और अब इस पर उत्तर प्रदेश के साथ चर्चा के बाद सरकार टेंडर जारी करेगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने 30 अक्टूबर को गंगा बेसिन के छह राज्यों की बैठक बुलायी है जिसमें परियोजनाओं की प्रगति का जायजा लिया जाएगा।

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