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आइएस के फरार होते आतंकियों पर एजेंसियों की नजर

भारतीय सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आइएसआइएस का बिखरता यह कुनबा दुनिया के लिए नया खतरा बन गया है।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 02 Mar 2017 11:40 PM (IST)Updated: Fri, 03 Mar 2017 12:33 AM (IST)
आइएस के फरार होते आतंकियों पर एजेंसियों की नजर
आइएस के फरार होते आतंकियों पर एजेंसियों की नजर

नई दिल्ली, नीलू रंजन। कुख्यात आतंकी संगठन आइएसआइएस का ध्वस्त होता साम्राज्य भारत समेत दुनिया भर के सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बन गया है। आइएसआइएस प्रमुख बगदादी ने दुनिया भर से आए आतंकियों को खुद को बम से उड़ा लेने या फिर अपने देश लौटने का फरमान दिया है। डर है कि लौटने के बाद ये कट्टर आतंकी अपने देश में आतंकी हमलों को अंजाम दे सकते हैं। भारत के भी कई युवाओं के आइएस में शामिल होने की आशंका है, जिनमें अकेले केरल के 22 युवक शामिल हैं।

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भारतीय सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आइएसआइएस का बिखरता यह कुनबा दुनिया के लिए नया खतरा बन गया है। लौटने वाले आतंकी आइएसआइएस की कट्टर विचारधारा से लैस हैं और वे वापसी के बाद अपने देश में आतंकी हमलों को अंजाम देने में सक्षम हैं। अनुमान के मुताबिक आइएसआइएस ने 30,000 विदेशी लड़ाकों की फौज बना ली थी। यदि ये लड़ाके पूरी दुनिया में फैल जाते हैं, तो सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।

फ्रांस, अमेरिका और जर्मनी में पिछले दिनों देखा जा चुका है कि अकेला आतंकी कितना नुकसान पहुंचा सकता है। वैसे आशंका यह भी है कि आइएसआइएस छोड़कर भागने वाले आतंकी बड़ी संख्या में पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा का रूख कर सकते हैं। लेकिन वहां की स्थिति भी आतंकियों के लिए पहले जैसी सुरक्षित नहीं रही है। ऐसे में आतंकियों के लिए देश लौटने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि समस्या यह है कि किसी भी देश के पास आइएसआइएस में लड़ने गए आतंकियों की सही पहचान नहीं है। अकेले ब्रिटेन से 7600 आतंकियों के आइएसआइएस में शामिल होने का अनुमान है। लेकिन ब्रिटेन के पास केवल कुछ दर्जन आतंकियों के बारे में ही जानकारी है। इसी तरह भारत आइएसआइएस में शामिल होने वाले आतंकियों के बारे में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जाहिर है दुबई या खाड़ी के अन्य देशों के मार्फत वापस लौटने वाले इन आतंकियों की पहचान कर उन्हें रोकना आसान नहीं होगा।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय एजेंसियां खाड़ी के देशों से लौटने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि खाड़ी देश से लौटने वाला नौजवान वहां किस कंपनी में काम करता था और कहां रहता था। उन्होंने कहा कि लौटने वाले युवाओं के दावे का सत्यापन जरूरी हो गया है।

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