BMC: शिवसेना के गढ़ में भाजपा की जीत, फडणवीस का चला जादू
शिवसेना से टूट के बाद बीएमसी चुनाव में अपनी पार्टी के लिए सबसे अधिक सीटों पर जीत हासिल कर लिया
मुंबई (जेएनएन)। मुंबई में बीएमसी चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले थे क्योंकि शिवसेना के गढ़ में किसी और पार्टी का जीत पाना असंभव सा था और वह भी तब जब सेना ने अपना हाथ झटक लिया हो। राज्य के पहले भाजपा मुख्यमंत्री 46 वर्षीय देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना से टूट के बाद बीएमसी चुनाव में अपनी पार्टी के लिए सबसे अधिक सीटों पर जीत हासिल कर लिया।
फडणवीस ने कहा, ‘काफी कम मार्जिन से हमें कुछ सीटों पर हार मिली।‘ फडणवीस ने बताया, ‘ बीएमसी में भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारे अभियान की यह जीत है। मुंबई के नागरिक बीएमसी में स्वच्छ प्रशासन और पारदर्शिता चाहते हैं। पारदर्शिता का एजेंडा हमारी प्राथमिकता है।‘
भाजपा के वरिष्ठ कैबिनेट सदस्य ने बताया, हमें अधिकांश जिला परिषदों और नगर निगमों पर नियंत्रण हासिल हुआ है।‘
फडणवीस ने सेना को उनके ही खेमे में घुसकर चुनौती दी और टॉप पर पहुंच गए। जिस दिन से चुनाव की घोषणा हुई ऐसा माना जा रहा था कि भाजपा जिला परिषद और निकायों के लिए शिवसेना के साथ समझौता करेगी। मुख्यमंत्री खुद गठबंधन की आशा लिए बैठे थे। भाजपा अपने प्रस्ताव पर विचार करती उससे पहले ही उद्धव ठाकरे ने एकतरफा निर्णय लेकर गठबंधन खत्म कर दिया। इसके बाद फडणवीस ने मुंबई में सेना को पाठ पढ़ाने का निर्णय ले लिया। वे कैंपेन में जुट गए।
रैली में, रैली के बाद वे मुंबई के लोगों के पास जाकर बीएमसी में हो रहे भ्रष्टाचार के बारे में बताने लगे जैसे सड़कों के कंट्रैक्ट का आवंटन आदि। चुनाव परिणाम से ऐसा प्रतीत होता है कि मुंबई के लोगों को समझाने में फडणवीस कामयाब रहे कि शिवसेना द्वारा बनाइ गई पॉलिसी में पारदर्शिता की कमी है और सभी निर्णय कुछ सुनियोजित कंट्रैक्टर को ही दिए जाते रहे हैं।
फडणवीस ने बताया,’हम अपने अभियान में कामयाब हुए। हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पारदर्शी और स्वच्छ प्रशासन के एजेंडा को लागू करने की जरूरत पर जोर दिया।‘
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