गुरु को फांसी के बाद डाक पहुंची थी श्रीनगर
श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। अफजल गुरु के परिजनों तक समय पर सूचना न पहुंचने के लिए डाक विभाग किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। यह कहना है जम्मू-कश्मीर के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल जॉन सैम्युएल का।
श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। अफजल गुरु के परिजनों तक समय पर सूचना न पहुंचने के लिए डाक विभाग किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। यह कहना है जम्मू-कश्मीर के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल जॉन सैम्युएल का।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री ने दावा किया था कि अफजल गुरु की दया याचिका खारिज किए जाने और उसे फांसी पर लटकाए जाने की जानकारी एक अधिकारिक पत्र पर स्पीड पोस्ट के जरिये उसकी पत्नी तबस्सुम के पास फांसी की तिथि से पूर्व भेजी गई थी। गृहमंत्री के इस दावे का गुरु के परिजनों ने खंडन किया था। अलबत्ता, सोमवार सुबह यह स्पीड पोस्ट सोपोर पहुंचा लेकिन गुरु को बीते शनिवार को फांसी दी जा चुकी है।
कश्मीर के पोस्ट मास्टर जनरल जॉन सैम्युएल ने सोमवार को बताया कि उनके पास यह स्पीड पोस्ट गत शनिवार नौ फरवरी को ही नई दिल्ली से पहुंचा था। उन्होंने इसकी रसीद दिखाते हुए कहा कि इस दस्तावेज के साथ ऐसा कुछ नहीं लिखा था कि जिससे यह लगे कि इसे उसी समय संबधित पते पर पहुंचाया जाए। श्रीनगर से बाहर के पतों के लिए आने वाली इस तरह की डाक को हम अगले दिन ही संबधित पते पर पहुंचाते हैं। सैम्युएल के अनुसार नौ फरवरी को यह हमारे पास पहुंचा, दस फरवरी को रविवार था और सोमवार सुबह हमने इसे संबधित डाकखाने के जरिये अफजल गुरु के पते पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि यह डाक गुरु की पत्नी के नाम थी और हमें पता चला है कि उसकी पत्नी ने स्पीड पोस्ट को प्राप्त कर लिया है। जम्मू कश्मीर के पोस्ट मास्टर जनरल ने कहा कि हमें नहीं पता था कि इस दस्तावेज में क्या है। वैसे भी यह हमारे पास उस समय पहुंचा, जब अफजल गुरु को फांसी हो चुकी थी।
जबकि केंद्रीय गृहमंत्री ने दावा किया था कि उन्होंने यह सूचना समय रहते स्पीड पोस्ट से भेज दी थी। इस पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आज के युग में स्पीड पोस्ट के अलावा भी कई अन्य माध्यम हैं, जिनसे यह सूचना दी जा सकती थी। अगर हमें समय पर सूचना दी जाती तो प्रदेश सरकार परिवार को गुपचुप तरीके से दिल्ली ले जाकर गुरु से उसे मिलवा सकती थी।
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