लॉकडाउन खुलने के बाद विमान सेवा में भी दिखेगा बड़ा बदलाव, बदले-बदले 'महाराज' नजर आएंगे
लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब विमान सेवाएं शुरू होंगी तो उनमें भी बड़े पैमाने पर परिवर्तन देखने को मिलेंगे। यात्रियों को कई नियमों का पालन भी करना होगा।
नई दिल्ली। लॉकडाउन के बाद जब चीजें नार्मल होंगी तो बहुत सी चीजों में परिवर्तन देखने को मिलेगा। हवाई यात्राएं भी इसमें शामिल होंगी। हवाई यात्रा का मौका और सुविधाएं देने वाली कंपनियां इस बात को लेकर चिंतित भी हैं।
वो योजनाएं बना रही हैं कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब हवाई जहाज में यात्री टिकट बुक करेंगे तो उनको किस तरह की सीटें यात्रा करने के लिए दी जाएं। कुछ विमान कंपनियों के विमान तो यात्रियों को पूरी तरह से भरकर चलते थे वो लंबी दूरी की यात्राएं भी करते थे, लंबी दूरी की यात्रा के दौरान ये विमान कुछ मिनटों के लिे ही जमीन पर ठहरते थे, उसके बाद फिर यात्रियों को लेकर उड़ जाते थे।
अब सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी जिस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग और सेफ्टी की बात कही जा रही है ये विमान कंपनियां उनका कैसे पालन करवा पाएंगी। सबसे बड़ा सवाल तो जहाज के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर है।
ये कहा जा रहा है कि विमान कंपनियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा या फिर वो जहाज में एक सीट छोड़ने के बाद दूसरी सीट का ही टिकट बुक करेंगी। जिससे ये डिस्टेंस बना रह सके। अब देखना ये होगा कि लॉकडाउन के बाद इनके अंदर कैसे नजारे देखने को मिलते है। सीटें छोड़कर टिकट बुक किए जाएंगे या कोई और व्यवस्था लागू की जाएगी। डीडब्ल्यूए वेबसाइट ने भी ऐसी ही खबर कैरी की है।
बजट एयरलाइंस
दुनिया भर में ज्यादा से ज्यादा लोगों को हवाई यात्रा का मौका और सुविधा देने वाली बजट एयरलाइंस खास तौर पर कोरोना महामारी के लॉकडाउन के बाद के हालातों को लेकर चिंता में हैं। ये पूरी तरह भर के चलने वाली एयरलाइंस होतीं थीं जो बमुश्किल कुछ मिनटों के लिए जमीन पर ठहरती थीं और फिर से यात्रियों से भरा विमान लेकर हवा में उड़ जाती थीं।
विमान में भी मास्क
जर्मन एयरलाइन लॉबी बीडीएल ने अपने कॉन्सेप्ट पेपर में सलाह दी है कि विमान में सभी के लिए नाक और मुंह को ढकने वाला मास्क पहनना अनिवार्य किया जा सकता है। लुफ्थांजा ने भी इसे जरूरी कर दिया है। कनाडा और अमेरिका की जेटब्लू जैसी एयरलाइन ने इसे अनिवार्य कर भी दिया है।
नई तरह की सीटें
विमान की सीटें बनाने वाले नए नए विकल्प पेश कर रहे हैं। इटली की ‘एविओइंटीरियर्स’ का "ग्लाससेफ डिजायन" ऐसा होगा जिसमें कंधों से लेकर सिर के हिस्से में प्लेक्सिग्लास हुड बने हों। इससे आसपास बैठे लोगों को एक दूसरे से उड़ान के दौरान भी अलग रखा जा सकेगा।
कार्गो वाले केबिन का डिजायन
एशियाई कंपनी हायको का प्रस्ताव है कि केबिन में ही सीटों की एक कतार की जगह कार्गो का बक्सा लगाया जाए। अब तक किसी एयरलाइन ने ऐसी केबिन वाली सीटें ऑर्डर नहीं की हैं। इस समय यात्री सीटों से अधिक कार्गो की मांग देखने को मिल रही है।
बीच की सीटें दिखेंगी खाली
फिलहाल ये तय नहीं हुआ है कि बीच वाली कतार की सीटें खाली छोड़ने से संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा फिर भी यूरोविंग्स चलाने वाला लुफ्थांजा समूह फिलहाल इन्हें बुक करने का विकल्प नहीं दे रहा। एक और बजट एयरलाइन ‘इजीजेट’भी शुरु में यात्रियों से उनके बगल वाली सीट खाली रखने का वादा कर रही है।
एयरपोर्ट पर लंबा समय
यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय उड़ान से कम से चार घंटे पहले एयरपोर्ट पर पहुंचना पड़ सकता है। चेक इन एरिया में पहुंचने से पहले भी लोगों को एक डिसइंफेक्टेंट टनेल और थर्मल स्कैनर से गुजरना पड़ सकता है। इस बारे में एक नवगठित ट्रांसपोर्ट हेल्थ एथॉरिटी विश्व भर के एयरपोर्टों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर नए मानक तय करने में लगी है।
केबिन क्रू के साथ अलग अनुभव
केबिन क्रू मेंबर प्रोटेक्टिव कपड़ों में होंगे। यात्री भी दस्ताने और मास्क पहनेंगे और क्रू हर आधे घंटे पर हैंड सैनिटाइजर बांटेगा। बिजनेस और फर्स्ट क्लास में पैकेज्ड और सील खाने के पैकेट मिलेंगे। फ्लाइट के दौरान भी स्टाफ टॉयलेट की सफाई का ख्याल रखेगा।
जमीन पर ज्यादा वक्त
जब से भी ऐसे कमर्शियल प्लेन उड़ना शुरु करेंगे, उन्हें एक उड़ान से दूसरे के बीच काफी देर तक जमीन पर रहना होगा। उड़ानों के बीच इस लंबे ‘ब्रेक’के दौरान विमान की अच्छी तरह सफाई और उसे सैनिटाइज करना अनिवार्य होगा। हालांकि कोविड संकट के दौरान किसी विमान में वायरस संक्रमण होने का कोई मामला सामने नहीं आया है।
धीमी बोर्डिंग प्रक्रिया
इसके अलावा एयरपोर्ट पर यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए उन्हें दूर दूर रहना होगा और बोर्डिंग की प्रक्रिया बहुत धीरे धीरे पूरी हो पाएगी। इस कारण भी विमानों को दूसरी उड़ान भरने के लिए तैयार होने में ज्यादा वक्त लगेगा।
बैगेज की भी चिंता
ऐसा मुमकिन है कि यात्रियों के अलावा उनके चेक-इन और केबिन वाले बैग को भी अल्ट्रावायलेट किरणों से डिसइंफेक्ट किया जाएगा। लैंड करने के बाद एक बार फिर यात्रियों को थर्मल स्कैनर से गुजरना होगा, इम्युनिटी पासपोर्ट फिर से वैरिफाई होगा और बैग्स को कन्वेयर बेल्ट पर रखने से पहले एक बार फिर से सैनिटाइज किया जाएगा।