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नोटबंदी के बाद से 23 गुना बढ़े डिजिटल ट्रांजैक्शन

नीति आयोग ने बताया है कि पिछले साल नवंबर तक 101 करोड़ रुपये मूल्य के 2 लाख 80 हजार डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए थे।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 14 Apr 2017 09:42 PM (IST)Updated: Fri, 14 Apr 2017 09:46 PM (IST)
नोटबंदी के बाद से 23 गुना बढ़े डिजिटल ट्रांजैक्शन
नोटबंदी के बाद से 23 गुना बढ़े डिजिटल ट्रांजैक्शन

नई दिल्ली, प्रेट्र । सरकार का नोटबंदी का फैसला असरदार साबित हो रहा है। नवंबर, 2016 से इस साल मार्च तक डिजिटल ट्रांजैक्शन की संख्या 23 गुना बढ़कर करीब 64 लाख पर पहुंच गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल नवंबर में ही 500 और 1000 की पुरानी नोटों को बंद करने का एलान किया था।

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नीति आयोग ने बताया है कि पिछले साल नवंबर तक 101 करोड़ रुपये मूल्य के 2 लाख 80 हजार डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए थे। इसकी तुलना में ये डिजिटल ट्रांजैक्शन इस वर्ष मार्च में 23 गुना बढ़कर 63 लाख 80 हजार पर पहुंच गए। इन ट्रांजैक्शन का मूल्य 2,425 करोड़ रुपये रहा।

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आधार आधारित भुगतान नवंबर, 2016 में ढाई करोड़ से बढ़कर मार्च, 2017 में पांच करोड़ पर पहुंच गए। इस अवधि में तत्काल भुगतान सेवा (आइएमपीएस) से ट्रांजैक्शन की संख्या 3.6 करोड़ से बढ़कर 6.7 करोड़ पर पहुंच गई। नोटबंदी के बाद सरकार ने डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए दो स्कीमें-लकी ग्राहक योजना और डिजि धन व्यापार योजना लांच की थीं। चालू वित्त वर्ष में 2,500 करोड़ के डिजिटल ट्रांजैक्शन का लक्ष्य तय किया गया है।

एसबीआइ का एक लाख करोड़ के डिजिटल ट्रांजैक्शन का लक्ष्य

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआइ ने 5.2 लाख एक्सेपटेंस टच प्वाइंट (एटीपी) तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। इन एटीपी में चार लाख डिजिटल पीओएस (भारत क्यूआर और आधार पे) शामिल हैं। साथ ही उसने तय किया है कि वह सरकार के डिजिटल एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए 2017-18 में सामूहिक रूप से एक लाख करोड़ रुपये मूल्य के ट्रांजैक्शन का लक्ष्य प्राप्त करेगा।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की मुखिया अरुंधती भट्टाचार्य ने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान की दिशा में सरकार, बैंक और टेक्नोलॉजी कंपनियां साथ कदम बढ़ा रहे हैं। भारत एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज में बदल रहा है। एसबीआइ डिजिटलीकरण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

बैंक ने सरकार की ओर से लांच डिजिटल इंडिया और डिजि धन मेला अभियान के हिस्से के रूप में विभिन्न पहलों को लागू किया है। इनमें डिजिटल इको सिस्टम विकसित करने के लिए 110 गांवों को गोद लेना और नाबार्ड योजना के तहत 12,500 गांवों में 25 हजार टर्मिनल लगाने का लक्ष्य शामिल है।

स्पाइसजेट के यात्री कर सकेंगे मोबाइल पेमेंट

मोबाइल फोन के जरिये भुगतान करने के लिए यात्रियों को प्लेटफॉर्म मुहैया कराने की खातिर स्पाइसजेट ने एचएसबीसी इंडिया के साथ गठजोड़ किया है। नो फ्रिल एयरलाइन ने अपनी वेबसाइट पर भुगतान विकल्प के रूप में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआइ) लांच किया है।

एयरलाइन ने कहा है कि यह गठजोड़ स्पाइसजेट की वेबसाइट पर होने वाली सभी बुकिंग के भुगतान के लिए यात्रियों को विशिष्ट यूपीआइ पहचान (वर्चुअल पेमेंट एड्रेस) का इस्तेमाल करने की सहूलियत देगा। एचएसबीसी बैंक ने स्पाइसजेट के नेटवर्क पर इस पेमेंट सॉल्यूशन को प्रभावी बनाया है। इसकी मदद से यात्री मोबाइल हैंडसेट का इस्तेमाल करते हुए ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। एयरलाइन के बेड़े में 49 विमान हैं। यह औसतन रोजाना 340 उड़ानों का परिचालन करती है।

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