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हिल स्टेशनों के बाद केरल में पर्यटकों के लिए खुलेंगे Beach, इन बातों का रखाना होगा ध्यान

पहले चरण में राज्य सरकार ने हिल स्टेशनों रिसॉर्ट्स और हाउसबोट को 12 अक्टूबर से खोल दिया था। वहीं दूसरे चरण में समुद्र तटों को 1 नवंबर से खोलने का फैसला लिया गया। इस दौरान कोविद प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 02:36 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 02:36 PM (IST)
केरल में 1 नवंबर से प्रयटकों के लिए खुलेंगे बीच

तिरुवनंतपुरम, पीटीआइ। कोरोना वायरस के कारण बीते कई महीनों से बंद केरल के समुंद्र तट पर्यटकों का स्वागत करने के लिए फिर से तैयार हैं। राज्य सरकार ने रविवार से इनको खोलने का आदेश दिया है। दक्षिणी राज्य का पर्यटन क्षेत्र वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद सुस्त पड़ गया था। महामारी की इस अवधि के दौरान फिलहाल घरेलू पर्यटकों से ही उम्मीद की जा रही है। हालांकि, विदेशी पर्यटकों द्वारा केरल के समुंद्र तटों को कफी पसंद किया जाता है।

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देश में जारी अनलॉक प्रक्रिया के तहत सरकार ने राज्य में पर्यटन केंद्रों को दो चरणों में खोलने का फैसला किया था। पहले चरण में हिल स्टेशनों, रिसॉर्ट्स और हाउसबोट सहित बैकवाटर पर्यटन केंद्रों को 12 अक्टूबर को फिर से खोल दिया गया था। वहीं, दूसरे चरण में समुद्र तटों को 1 नवंबर से खोलने का फैसला लिया गया। इस दौरान कोविद प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा।

पर्यटन विभाग ने कहा कि समुद्र तटों को फिर से खोलने का फैसला और 26 नई पर्यटन परियोजनाओं के आने से को पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन हितधारकों को यह भी लगता है कि हिल स्टेशनों के साथ समुद्र तटों को फिर से खोलने से राज्य के उद्योग में एक नई ऊर्जा पैदा होगी।

इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स के उपाध्यक्ष ईएम नजीब का कहना है कि हिल स्टेशन के बाद समुद्र तटों को फिर से खोलने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा एक स्वागत योग्य कदम है। यह एक नए सिरे से ऊर्जा देगा और होटल और रिसॉर्ट को बढ़ावा देगा। यह उन परिवारों के लिए भी राहत की खबर है, जो तनाव दूर करने के लिए समुद्र तटों पर परिवार के साथ शाम बिताना पसंद करते हैं।

अक्टूबर में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्य में 26 महत्वपूर्ण पर्यटन परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। अपने संबोधन मे, मुख्यमंत्री ने कहा था कि जब राज्य, देश और दुनिया कोविड से बचे रहेंगे तो केरल एक बार फिर एक स्वर्ग बन जाएगा। पर्यटन क्षेत्र को अनुमानित रूप से 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।


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