इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ बना माओवादी, अब जेल से पास किया स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट
पश्चिम बंगाल के माओवादी नेता अर्णब जिस पर 31 मामले दर्ज हैं। पश्चिम बंगाल-झारखंड-ओडिशा में सक्रिय माओवादियों के संगठन के सचिव ने इंजीनियरिंग के बाद अब सेट का एग्जाम पास किया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। जेल में बंद माओवादी नेता अर्णब दाम उर्फ विक्रम ने हाथ में पेन थामा तो इतिहास रच डाला। अर्णब ने जेल से ही स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट) पास कर लिया। पिछले दो दिसंबर को सेट हुआ था। अर्णब ने प्रेसिडेंसी जेल से ही परीक्षा दी थी। परीक्षा फल आया तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
गौरतलब है कि अर्णब एक समय पश्चिम बंगाल-झारखंड-ओडिशा में सक्रिय माओवादियों के संगठन का सचिव था। आइआइटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़कर वह माओवादी बन गया था। सुरक्षा एजेंसियों ने जुलाई, 2012 में पुरुलिया जिले के विरामडी रेलवे स्टेशन के पास से उसे गिरफ्तार किया था।
प्रेसिडेंसी जेल में सजा रहने के दौरान ही अर्णव ने अपनी बीए ऑनर्स और एमए (इतिहास) की पढ़ाई पूरी की थी। अर्णब के खिलाफ माओवादी हमले के 31 मामले दर्ज हैं। इनमें से 30 में तो उसे जमानत मिल गई है, लेकिन सियालदह के इएफआर कैंप पर हमले के मामले में उसे जमानत नहीं मिली है।
बता दें कि पिछले 18 दिसंबर को अर्णब नेट देना चाहता था। इसके लिए उसे एडमिट कार्ड भी मिल गया था, लेकिन जेल प्रशासन की लापरवाही की वजह से वह परीक्षा नहीं दे सका था। इसके विरोध में अर्णब ने चार दिनों तक अनशन किया और राज्य के कारागार मंत्री उज्ज्वल विश्र्वास के आश्र्वासन के बाद अनशन तोड़ा था। इस साल होने वाली नेट में वह बैठेगा। शुक्रवार को अर्णब ने सेट का परीक्षा फल स्पीड पोस्ट के जरिये पिता एसके दाम को भेजा है। इससे पहले जेल में बंद किसी भी व्यक्ति ने सेट पास नहीं किया है।