COVID-19 के हवा में फैलने की पुष्टि के बाद सीएसआईआर महानिदेशक बोले- सभी के लिए मास्क अनिवार्य होना चाहिए
डॉ शेखर मांडे ने गुरुवार को कहा कि मास्क पहनना कभी भी इतना अधिक महत्वपूर्ण नहीं रहा है।
नई दिल्ली, एएनआइ। जैसा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने COVID-19 के हवा में फैलने की पुष्टि की है, तो CSIR (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद) के महानिदेशक डॉ शेखर मांडे ने गुरुवार को कहा कि मास्क पहनना कभी भी इतना अधिक महत्वपूर्ण नहीं रहा है। डॉ मांडे ने कहा, 'मेरी राय में, मास्क सभी के लिए अनिवार्य होना चाहिए, जिसमें कमरे भी शामिल हैं। यदि आप कार्यालय में हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि कार्यालय अच्छी तरह से हवादार हो। यदि आप बंद स्थानों में हैं, तो उन्हें वेंटिलेट करें, और यदि आप खुले स्थान में है तो सुनिश्चित करें कि आप हमेशा एक मास्क पहने हुए हैं और सामाजिक दूरी बनाए रखते हैं।'
कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी की गई नई रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना वायरस हवा में फैलता है। अब इस पर एक्सपर्ट ने कहा कि लोगों को नए शोध के निष्कर्षों से घबराने की जरूरत नहीं है कि कोरोना वायरस हवाई है क्योंकि अध्ययन 200 से अधिक वैज्ञानिकों के समूह द्वारा उद्धृत किया गया है, केवल यह बताता है कि यह हवा में 'कम से कम अस्थायी रूप से' हो सकता है और इसका मतलब यह नहीं है कि रोगजनक सभी पर उड़ रहे हैं और सभी को संक्रमित करेंगे।
CSIR के निदेशक राकेश मिश्रा ने आगे कहा था कि इसका मतलब है, लोगों को अधिक समय तक मास्क पहनना चाहिए और अन्य सावधानी बरतते रहना चाहिए जैसे वायरस को दूर रखने के लिए शारीरिक दूरी का पालन करते है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 239 वैज्ञानिकों के पत्र में इस बात के प्रमाण थे कि कोरोना वायरस हवाई है।
वहीं, मांडे ने कहा कि मास्क पहनने के साथ शारीरिक दूरी कोरोना वायरस के खिलाफ सावधानियों का सबसे बड़ा साधन है। एक प्रेस ब्रीफिंग में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए डब्ल्यूएचओ की तकनीकी लीड बेनेडेटा अल्लेग्रांज़ी ने कहा कि कोरोना वायरस के हवा से फैलने के सबूत मौजूद थे, लेकिन यह निश्चित नहीं था। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जगहों में हवा से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। विशेष रूप से बहुत विशिष्ट परिस्थितियों में भीड़ भाड़ वाली जगह, बंद जगह, ऐसी जगह जहां हवा ठीक से ना आ रही हो।
हालांकि उन्होंने कहा कि इसको लेकर सबूतों को इकट्ठा करने और इसकी व्याख्या करने की आवश्यकता है। हम इसका समर्थन करते हैं। डब्ल्यूएचओ में कोरोना संक्रमण के जोखिम के आंकलन में कोई भी बदलाव 1 मीटर (3.3 फीट) की शारीरिक दूरी बनाए रखने की मौजूदा सलाह को प्रभावित कर सकता है।