अफगानिस्तान पर हुए आतंकी हमले में सुरक्षा एजेंसियों को शक, भारतीय मिशन पर हमले की थी प्लानिंग
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएसआइएस) ने ली है लेकिन भारतीय एजेंसियों को शक पाकिस्तान के समर्थन से चलने वाले आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क पर है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। Afghanistan terror attacks एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस से त्रस्त है और इससे निबटने की तैयारियों में व्यस्त है वही अफगानिस्तान स्थित आतंकी संगठन अपनी दूसरी ही साजिशों में लगे हुए हैं। बुधवार को काबुल स्थित सबसे प्रसिद्ध धर्मशाला गुरुद्वारे पर जबरदस्त आतंकी हमला किया गया जिसमें खबर लिखने तक 11 लोगों के हताहत होने और 11 लोगों के घायल होने की सूचना है। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएसआइएस) ने ली है लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को शक पाकिस्तान के समर्थन से चलने वाले आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क पर है। भारतीय एजेंसियों को पहले से इस बारे में सूचना थी कि काबुल स्थित भारतीय दूतावास से जुडे कार्यालयों पर हमला करने की कोशिश हो सकती है।
भारत सरकार ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है और इसे एक कायरतापूर्ण हमला करार दिया है और हमले में मारे गये लोगों व घायलों के प्रति अपनी संवेदना जताई है। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक भारत अफगानिस्तान स्थिति हिंदुओं व सिखों को हरसंभव मदद करेगा। भारत ने कहा है जब पूरी दुनिया में कोरोनावायरस महामारी का संकट फैल रहा है तब अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों पर इस तरह का कायराना हमला बताता है कि इसे अंजाम देने वालों और उन्हें मदद करने वालों कितने शैतानी प्रवृति के । भारत ने हमलावरों से लोहा लेने वाले अफगानिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के कर्मियों की तारीफ की है जो बहादूरी से अफगानिस्तान व वहां के लोगों की सुरक्षा कर रहे हैं। भारत ने एक बार अफगानिस्तान की सरकार के प्रति भरोसा जताया है जो वहां शांति व स्थायित्व कायम करने के लिए लगातार प्रत्यनशील है।
उधर, इस्लामिक संगठन (आइएसआइएस) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियों को शक है कि इसके पीछे पाकिस्तान की एजेंसियों का हाथ है जो नए शांति समझौते के बाद वहां अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे हैं। अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौता होने के बाद यह दूसरा हमला है जो परोक्ष तौर पर भारत को डराने के लिए किया गया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बारे में सूचना मिल रही थी कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के समर्थन से चलने वाला आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क भारतीय दूतावास या अन्य भारतीय अधिकारियों पर हमला कर सकता है। लेकिन वहां सुरक्षा व्यवस्था इतनी पुख्ता कर दी गई है कि उन्होंने अफगानिस्तानी सिखों व हिंदुओं के धार्मिक स्थल पर हमला कर दिया। वैसे इस गुरुद्वारे को भी निशाने बनाने की आशंका थी यही वजह है कि भारत के आग्रह पर अफगानिस्तान सरकार ने वहां की सुरक्षा व्यवस्था पहले से काफी मजबूत कर दी थी। हक्कानी नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन है। इसे आइएसआइ ने उसी तरह से पाला-पोसा है जिस तरह से भारत में आतंकी हमला करने वाले जैश ए मोहम्मद व लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को किया है।