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Indian Railways के इस विज्ञापन ने कराई किरकिरी, सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल

Railways की कैटरिंग से जुड़ी एक बड़ी कंपनी को सोशल मीडिया पर ट्रोल होना पड़ा बल्कि रेलवे की भी जमकर किरकिरी हुई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 08:54 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 10:42 PM (IST)
Indian Railways के इस विज्ञापन ने कराई किरकिरी, सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल
Indian Railways के इस विज्ञापन ने कराई किरकिरी, सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सामाजिक न्याय की खातिर भारतीय संविधान ने सरकारी नौकरियों में चुनिंदा जातियों को आरक्षण की व्यवस्था दी है। प्राइवेट सेक्टर को फिलहाल इससे छूट है। लेकिन केवल जाति के आधार पर भर्तियों की इजाजत उसे भी नहीं है। लेकिन रेलवे की कैटरिंग से जुड़ी एक बड़ी कंपनी ने कुछ ऐसा ही किया। नतीजतन, न केवल कंपनी को सोशल मीडिया पर ट्रोल होना पड़ा, बल्कि रेलवे की भी जमकर किरकिरी हुई। आखिरकार रेलवे की ओर से कार्रवाई की चेतावनी के बाद कंपनी ने न केवल गलती के लिए माफी मांगी, बल्कि संशोधित विज्ञापन प्रकाशित करने का आदेश देना पड़ा।

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कैटरिंग कांट्रैक्टर के तौर पर निकाला था विज्ञापन  

रेलवे में आइआरसीटीसी के कैटरिंग कांट्रैक्टर के तौर पर कार्यरत बृंदावन फूड प्रॉडक्ट्स प्रा. लि. ने रेलवे फूड प्लाजा मैनेजर, ट्रेन कैटरिंग मैनेजर तथा बेस किचन मैनेजर के सौ पदों पर भर्ती के लिए पिछले दिनों एक अंग्रेजी अखबार में विज्ञापन निकाला था। लेकिन सामान्य से इस विज्ञापन में एक बेहद असामान्य बात थी। दरअसल इसमें अभ्यर्थियों के लिए अन्य योग्यताओं के साथ अग्रवाल वैश्य समुदाय से होने की शर्त रखी गई थी। बुधवार 7 नवंबर की सुबह जैसे ही इस विज्ञापन को लोगों ने पढ़ा, उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए इसे वायरल कर दिया। और इसी के साथ कंपनी, आइआरसीटीसी तथा रेल मंत्रालय के अधिकारियों के लिए आफत खड़ी हो गई।

कारण बताओ नोटिस जारी 

रेल मंत्रालय के अधिकारियों आननफानन आइआरसीटीसी से इस पर जवाब मांग लिया। और बदले में आइआरसीटीसी ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कंपनी ने तुरंत अपनी गलती मानी और अपने जूनियर एचआर मैनेजर को निलबिंत करने के साथ सीनियर एचआर मैनेजर की क्लास लगाई।

बृंदावन फूड प्रॉडक्ट्स प्रा. लि. रेलवे के लिए काम करने वाले प्रमुख कैटरिंग व हॉस्पिटैलिटी कॉन्ट्रैक्टर आरके एसोसिएट्स की सब्सिडियरी कंपनी है। आरके एसोसिएट्स के पास तकरीबन 100 ट्रेनों में कैटरिंग सेवाओं का ठेका है और 5 हज़ार कर्मचारी इसमें काम करते हैं।

कंपनी ने माफी मांगी 

विज्ञापन के बारे में आरके एसोसिएट्स के प्रबंधन निदेशक राजीव मित्तल ने कहा कि अग्रवाल वैश्य समुदाय वाली शर्त गलती से लिख गई है। जिसके लिए हम माफी चाहते हैं। दरअसल, दो अलग-अलग विज्ञापन जाने थे। इनमें एक रेलवे केटरिंग से और दूसरा हमारे वैश्य समुदाय के युवक युवतियों से संबधित था, जिनके लिए कंपनी ट्रेनिंग का प्रोग्राम चलाती है। उक्त शर्त उनके लिए थी। लेकिन एचआर मैनेजर ने गलती से उसे रेलवे कैटरिंग वाले विज्ञापन के साथ जोड़ दिया। सीनियर ने जांच पड़ताल नहीं की। शीघ्र ही संशोधित विज्ञापन जारी किया जाएगा।

आइआरसीटीसी के प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि कंपनी को सख्त चेतावनी देकर छोड़ा गया है। रेलवे यूनियन एआइआरएफ के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि रेलवे को जिस तरह चलाया जा रहा उससे ऐसी चीजें हो रही हैं।


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