असम के आदिवासियों के खिलाफ हिंसा भारतीयों पर हमला
नई दिल्ली। वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने असम में आदिवासियों के खिलाफ हुई सांप्रदायिक हिंसा को सभी भारतीयों पर हमला बताया। साथ ही हिंसाग्रस्त असम में बेघर हुए लोगों के प्रति चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनका पुनर्वास सुनिश्चित करने की अपील की। आडवाणी ने कहा कि असम से पलायन कर गए लोगों की
नई दिल्ली। वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने असम में आदिवासियों के खिलाफ हुई सांप्रदायिक हिंसा को सभी भारतीयों पर हमला बताया। साथ ही हिंसाग्रस्त असम में बेघर हुए लोगों के प्रति चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनका पुनर्वास सुनिश्चित करने की अपील की। आडवाणी ने कहा कि असम से पलायन कर गए लोगों की स्थिति कश्मीरी पंडितों जैसी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री पीड़ित लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे।
आडवाणी ने कहा कि कश्मीर में हिंसा के बाद राज्य छोड़कर आए लाखों लोग कभी घर वापसी नहीं कर सके। उनकी घर वापसी को लेकर बार-बार बातें ही की जाती रहीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि असम के लोगों के साथ इसे दोहराया नहीं जाएगा। असम के कोकराझार में लोगों के घरों को आग के हवाले करने के बाद पलायन के लिए मजबूर कर दिया गया। अब उन लोगों को डर सता रहा है कि कहीं उनकी हालत भी कश्मीरियों की तरह न हो जाए। फिलहाल वे कैंप में बसर कर रहे हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने अपने आवास पर ध्वाजारोहण के बाद कहा कि असम के आदिवासियों पर हुए हमले को सभी भारतीयों पर हुए हमले की तरह लिया जाना चाहिए। उन्होंने असम में सांप्रदायिक हिंसा के कारण देश के अन्य हिस्सों में पूर्वोत्तर के लोगों पर हुए हमलों की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने याद दिलाया कि भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रीय एकता के मुद्दे पर चिंता जताई थी।
आडवाणी ने कहा कि अगर आज के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो पूर्वोत्तर राज्यों को यही शिकायत है। ऐसे में जरूरी है कि उन्हें यह महसूस कराया जाए कि पूरा देश उनके साथ है। राष्ट्र उनके खिलाफ किसी तरह की हिंसा बर्दास्त नहीं करेगा।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर