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उप्र के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता को सुप्रीम कोर्ट से राहत

सुप्रीम कोर्ट ने न्यायालय की अवमानना मामले में गुप्ता की बुधवार को सजा के मुद्दे पर हाई कोर्ट में पेशी के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है

By Vikas JangraEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 10:43 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 10:43 PM (IST)
उप्र के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता को सुप्रीम कोर्ट से राहत
उप्र के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता को सुप्रीम कोर्ट से राहत

नई दिल्ली [माला दीक्षित]। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश कुमार गुप्ता को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायालय की अवमानना मामले में गुप्ता की बुधवार को सजा के मुद्दे पर हाई कोर्ट में पेशी के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। उनको बुधवार को हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के समक्ष पेश होना था।

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न्यायमूर्ति ऐके सीकरी व न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल उत्तर प्रदेश सरकार की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करने के बाद हाई कोर्ट के गत 10 जुलाई के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह समीक्षा अधिकारियों की सेक्शन आफिसर पद पर प्रोन्नति की बाकी कार्यवाही का काम नौ सितंबर तक पूरा कर ले। कोर्ट इस मामले में 11 सितंबर को फिर सुनवाई करेगा।

इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष अधिवक्ता रवि प्रकाश मेहरोत्रा ने हाई कोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि यह मामला न्यायालय की अवमानना का नहीं बनता। हाई कोर्ट ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने सहायक समीक्षा अधिकारियों (एआरओ) की वरिष्ठता सूची तैयार करने का आदेश दिया था। सरकार ने उस आदेश का पालन करते हुए उनकी वरिष्ठता सूची तैयार कर दी थी। इसके अलावा सरकार ने समीक्षा अधिकारियों (आरओ) की प्रोन्नति की है जो कि दूसरा कैडर है।

मेहरोत्रा ने यह भी कहा कि हाई कोर्ट ने न्यायिक प्रक्रिया का पालन किये बगैर अधिकारी को अवमानना में सजा के लिए सीधे बुला लिया है। ऐसे में हाई कोर्ट का आदेश विधि सम्मत नहीं है और यह न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। सहायक समीक्षा अधिकारियों की ओर से पेश वकील पीएस पटवालिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उन्हें प्रोन्नत नहीं किया जबकि दूसरों को प्रोन्नत किया। उन्होंने ये भी कहा कि उनकी प्रोन्नति का मामला लंबे समय से लटका है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दो दिन तक लंबी बहस सुनने के बाद उपरोक्त आदेश जारी किये।

यह मामला सचिवालय प्रशासन विभाग के सहायक समीक्षा अधिकारियों की वरिष्ठता सूची से जुड़ा है। हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को सहायक समीक्षा अधिकारियों की वरिष्ठता सूची तैयार करने का आदेश दिया था। प्रदेश सरकार ने वरिष्ठता सूची तैयार कर दी जिसके मुताबिक वे लोग समीक्षा अधिकारी हो गए थे। उनका आरोप था कि सरकार ने उनकी प्रोन्नति नहीं की। इस पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश गुप्ता को अवमानना में सजा पर बहस के लिए 18 जुलाई को कोर्ट मे तलब कर लिया था। जिसके खिलाफ प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। 


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