आदर्श घोटाला : देशमुख और शिंदे बन सकते हैं गवाह
आदर्श सोसाइटी घोटाले का ठीकरा आखिरकार महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण पर ही फूटा। सीबीआइ ने बुधवार को अशोक चह्वाण सहित 13 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र पेश कर दिया। इस घोटाले में कई और अधिकारियों एवं नेताओं पर अपने पद का दुरुपयोग कर सोसाइटी में फ्लैट हासिल करने के आरोप लगे, लेकिन नेताओं में
मुंबई। आदर्श सोसाइटी घोटाले का ठीकरा आखिरकार महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण पर ही फूटा। सीबीआइ ने बुधवार को अशोक चह्वाण सहित 13 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र पेश कर दिया। इस घोटाले में कई और अधिकारियों एवं नेताओं पर अपने पद का दुरुपयोग कर सोसाइटी में फ्लैट हासिल करने के आरोप लगे, लेकिन नेताओं में सिर्फ चह्वाण को ही आरोपी बनाया गया है। शेष दो पूर्व मुख्यमंत्रियों विलासराव देशमुख एवं सुशील कुमार शिंदे को सीबीआइ ने बख्श दिया है। बताया जाता है कि इन दोनों केंद्रीय मंत्रियों को सीबीआइ सरकारी गवाह बना सकती है।
सीबीआइ द्वारा बुधवार को पेश किए गए करीब 10,000 पन्नों के आरोपपत्र में अशोक चह्वाण सहित राज्य सरकार के कई वरिष्ठ पूर्व अधिकारियों एवं सेना अधिकारियों के नाम हैं। जनवरी, 2011 में दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाए गए आरके रामपाल एवं आरसी शर्मा के नाम आरोपपत्र में नहीं है। उनके विरुद्ध सीबीआइ को पर्याप्त सुबूत नहीं मिल सके। जबकि प्राथमिकी में दर्ज नामों के अतिरिक्त एक नया नाम सेवानिवृत कर्नल आरके बख्शी का जुड़ गया है।
आरोपपत्र में नाम आने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अशोक चह्वाण कहते हैं कि आदर्श का मामला कुल मिलाकर एक प्रशासनिक प्रक्रिया मात्र थी, जिसे एक साजिश का नाम देकर कुछ लोग उन्हें फंसाकर राज्य की राजनीति से बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं। लेकिन वह इसमें सफल नहीं होंगे। चह्वाण न्यायपालिका पर पूरा भरोसा जताते हुए कहते हैं कि अंत में सच सामने आएगा और यह सिद्ध हो जाएगा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। चह्वाण को इसी घोटाले के कारण 9 नवंबर, 2010 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
कारगिल युद्ध के शहीदों की विधवाओं को फ्लैट देने के लिए सेना की जमीन पर इमारत खड़ी कर उसमें असैन्य अधिकारियों एवं नेताओं द्वारा फ्लैट कब्जाने का यह मामला वर्ष 2010 में उजागर हुआ था। तब रक्षा मंत्रालय की मांग पर सीबीआइ ने 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। आरोपपत्र पेश करने में उसे करीब 18 माह लग गए। इस दौरान सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी नौ आरोपी निर्धारित अवधि में आरोपपत्र पेश न होने के कारण जमानत पर छूट चुके है।
आदर्श के आरोपी एवं उन पर आरोप :
1- आरसी ठाकुर : मुंबई स्थित रक्षा संपत्ति कार्यालय में अधिकारी रहते हुए उन्होंने सेना की संपत्ति को आदर्श सोसाइटी के लिए प्राप्त करने की साजिश रची, बदले में फ्लैट हासिल किया।
2- सेवानिवृत ब्रिगेडियर एमएम वांचू : सेना की जमीन आदर्श के लिए प्राप्त करने की साजिश, बदले में फ्लैट।
3- कन्हैयालाल गिडवानी : विधान परिषद सदस्य रहते उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर अधिकारियों से आदर्श के पक्ष में काम करवाए और बदले में उन्हें फ्लैट भी दिलवाए। सोसाइटी में स्वयं के अलावा, उनके दो पुत्रों को भी फ्लैट हासिल हुआ।
4- सेवानिवृत्त मेजर जनरल एआर कुमार : महाराष्ट्र, गुजरात एवं गोवा क्षेत्र के कमांडिंग जनरल ऑफिसर रहते ठाकुर एवं वांचू की साजिश का हिस्सा बने और अपने बेटे के लिए सोसाइटी में फ्लैट लिया।
5- सेवानिवृत मेजर जनरल टीके कौल : संसद को गलत जानकारी दी कि आदर्श सोसाइटी द्वारा उपयोग की गई जमीन सेना की नहीं है। बदले में स्वयं सोसाइटी के सदस्य बने।
6 -सेवानिवृत ब्रिगेडियर टीके सिन्हा : सोसाइटी में फ्लैट हासिल करने के बदले अपने मुंबई उपक्षेत्रीय मुख्यालय को गलत जानकारी देकर आदर्श के विरुद्ध आपत्ति दर्ज कराने से रोका।
7 - पीवी देशमुख - नगर विकास विभाग के उपसचिव पद का दुरुपयोग कर बीएमसी को गलत जानकारी दी कि आदर्श सोसाइटी को पर्यावरण मंत्रालय का अनापत्ति प्रमाणपत्र मिल चुका है। बदले में सोसाइटी की सदस्यता हासिल की।
8- रामानंद तिवारी : बेस्ट की जमीन का एफएसआइ आदर्श को दिलवाने में मदद की। बदले में अपने पुत्र के नाम फ्लैट लिया।
9 - सुभाष लाला : मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहते हुए उन्होंने नगर विकास विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव रामानंद तिवारी के साथ मिलकर बेस्ट की जमीन का एफएसआइ आदर्श को दिलवाया। बदले में उनके दो रिश्तेदारों को फ्लैट मिले।
10 - प्रदीप व्यास : मुंबई के कलेक्टर रहते उन्होंने आय के फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर कई लोगों को सोसाइटी की सदस्यता लेने दी। बदले में उनकी पत्नी को फ्लैट हासिल हुआ।
11- अशोक चह्वाण - तत्कालीन राजस्व मंत्री के रूप में उन्होंने सोसाइटी को अतिरिक्त एफएसआइ उपलब्ध कराने में मदद की एवं 40 प्रतिशत असैन्य सदस्यों को सोसाइटी की सदस्यता देने का रास्ता खोला। बदले में उनकी सास एवं साली को फ्लैट प्राप्त हुआ।
12- जयराज फाटक : मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त रहते उन्होंने आदर्श इमारत की ऊंचाई 100 मीटर से ज्यादा ले जाने की अनुमति प्रदान की। बदले में उनके बेटे को फ्लैट हासिल हुआ।
13- सेवानिवृत कर्नल बख्शी - आदर्श सोसाइटी को जमीन दिलवाने में अपने वरिष्ठों की साजिश मे शामिल हुए।
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