अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने की थी चोरी की शिकायत, पर नहीं हुई कार्रवाई, जानें क्या है पूरा मामला
MP की राजधानी भोपाल स्थित अहमदाबाद पैलेस के सामने पिछले दिनों नवाबकालीन दस्तावेज और एंटिक (विशेष तरह के) आयटम से भरा ट्रक पकड़े जाने के बाद नए-नए राज खुल रहे हैं।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित अहमदाबाद पैलेस के सामने पिछले दिनों नवाबकालीन दस्तावेज और एंटिक (विशेष तरह के) आयटम से भरा ट्रक पकड़े जाने के बाद नए-नए राज खुल रहे हैं। दस्तावेज और एंटिक आयटम चोरी की शिकायतें कई साल से जिला प्रशासन और पुलिस के पास हो रही हैं, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। फिल्म अभिनेत्री और नवाब खानदान की सदस्य शर्मिला टैगोर ने भी चार साल पहले ऐसी ही एक शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उस पर भी तत्कालीन कलेक्टर व कमिश्नर ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
फ्लैग स्टाफ हाउस में घुसकर दस्तावेज और एंटिक आयटम किए गए चोरी
जानकारी के अनुसार, 10 नवंबर 2016 को ही नवाब पटौदी की पत्नी शर्मिला टैगोर ने भोपाल कलेक्टर व अन्य अधिकारियों को चिठ्ठी लिखकर कहा था कि दार-उस-सलाम में रहने वाले नवाब रजा और आजम खान ने भोपाल के फ्लैग स्टाफ हाउस में अवैध तरीके से घुसकर यहां के दस्तावेज और एंटिक आयटम को चोरी करवाया और बेच दिया है। हैरत की बात तो यह है कि अब तक इस पर कोई संज्ञान ही नहीं लिया गया।
तत्कालीन कलेक्टर ने मामले में संज्ञान लिया ही नहीं
गौरतलब है कि फ्लैग स्टाफ हाउस से दार-उस-सलाम सटा हुआ है। इस पर नवाब खानदान के सचिव रहे सलाउद्दीन खान की पोती माहिरा सुल्तान का आधिपत्य है। गत 18 फरवरी को नवाबकालीन दस्तावेजों और एंटिक आयटम से भरा ट्रक नवाब के भोपाल स्थित अहमदाबाद पैलेस परिसर से पकड़ा गया था। दार-उस-सलाम और फ्लैग स्टाफ हाउस अहमदाबाद पैलेस परिसर के ही हिस्से हैं। आशंका व्यक्त की जा रही है कि ऐसे कई अहम दस्तावेज इसके पहले भी चुपके से बेचे जा चुके हैं। तत्कालीन कलेक्टर निशांत वरवड़े ने इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया था। अभी भी जिस व्यक्ति ने सामान बेचा है, उसे छोड़कर क्राइम ब्रांच ने सिर्फ व्यापारियों पर मामला दर्ज कर लिया है।
नवाब की दूसरी पत्नी के नाम के दानपत्र से कराना चाहते थे नामांतरण
उधर, बैरागढ़ तहसीलदार गुलाब सिंह ने 4 फरवरी को 1986 के हिबानामा (दानपत्र) के आधार पर नामांतरण मामला निरस्त कर दिया है। उन्होंने बताया कि आफताब का भतीजा अकबर खान व अन्य ने अहमदाबाद पैलेस स्थित 1.563 एकड़ जमीन का नामांतरण करने के लिए आवेदन किया था।
आवेदन में कहा गया था कि 1949 के इनायतनामा (मौखिक रूप से दान) के आधार पर अकबर खान के नाम 1986 में नवाब हमीदुल्ला खान की दूसरी पत्नी आफताब जहां ने हिबानामा किया था। लेकिन, जांच में पाया गया कि यह जमीन राजस्व रिकॉर्ड में नवाब हमीदुल्ला खान की बेटी साजिदा सुल्तान के नाम से दर्ज है। लिहाजा हिबानामा करने का अधिकार आफताब जहां को है ही नहीं। वहीं यह पूरा मामला हाई कोर्ट में 2000 से लंबित है। इसे देखते हुए नामांतरण आदेश निरस्त कर दिया गया।
आफताब जहां के दानपत्र के आधार पर आठ एकड़ जमीन पर एक दर्जन नामांतरण
मामले की पड़ताल में पाया गया कि आफताब जहां के नाम पर हिबानामा (दानपत्र) लेकर इस खसरे की आठ एकड़ जमीन टुकड़ों में बेची गई। इसके करीब एक दर्जन से अधिक नामांतरण भी हुए, लेकिन हाल ही में तहसीलदार ने नामांतरण निरस्त किया तो पिछले नामांतरणों पर सवाल खड़े होना शुरू हो गए हैं। नवाब संपत्ति को खुर्द-बुर्द या विक्रय नहीं किए जाने के लिए हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है। इसके बावजूद भू-माफिया लगातार नवाब संपत्ति पर अवैध कब्जा कर रहे हैं।
भोपाल के कलेक्टर तरुण पिथोड़े का कहना है कि नवाबों के एंटिक आयटमों की चोरी को लेकर 2016 में अभिनेत्री शर्मिला टैगोर की शिकायत की जानकारी मुझे नहीं है। अब मामले को दिखवाता हूं।