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'राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद खत्‍म होंगे 'आप' के विवाद'

आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्‍वास को 'विश्‍वास' है कि राष्‍ट्रीय परिषद की बैठक के बाद पार्टी में चल रही अंतर्कलह थम जाएगी। हालांकि विश्‍वास का यह भी मानना है कि पार्टी के अंदर की बातें बाहर नहीं आनी चाहिए थी। सभी विवाद आपस में बैठकर सुलझ

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 10 Mar 2015 02:05 PM (IST)Updated: Tue, 10 Mar 2015 03:39 PM (IST)

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास को 'विश्वास' है कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद पार्टी में चल रही अंतर्कलह थम जाएगी। हालांकि विश्वास का यह भी मानना है कि पार्टी के अंदर की बातें बाहर नहीं आनी चाहिए थी। सभी विवाद आपस में बैठकर सुलझ जाने चाहिए थे। 'आप' ने 28 मार्च को राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई है।

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आम आदमी पार्टी में चल रहा अंतर्कलह अब किसी से छुपी नहीं है। यह साफ हो गया है कि पार्टी दो ग्रुपों में बंट गई है। एक तरफ अरविंद केजरीवाल हैं, तो दूसरी ओर योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण। आम आदमी पार्टी ने 28 मार्च को राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई है। इसमें वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी से बाहर किए जाने का फैसला सुनाया जा सकता है। मयंक गांधी को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। हालांकि इस बारे में कोई बोलने को तैयार नहीं है।

इस पूरी कलह के दौरान कुमार विश्वास शायद पार्टी के एकमात्र ऐसे शख्स थे, जिन्होंने विवादों से काफी दूरी बना कर रखी। आमतौर पर विश्वास 'आप' के सभी मुद्दों पर बयान देते हैं। लेकिन पार्टी में चल रही अंतर्कलह पर वह बयान देने से बचते नजर आए। होली के दिन भी कुमार विश् वास योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण से मिलने गए। शायद कुमार विश्वास चाहते थे कि पार्टी के सभी नेता गिले-शिकवे भुलाकर फिर मिल जाएं, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। लेकिन लगता है अब तो कुमार विश्वास के 'विश्वास' ने भी जवाब दे दिया है।

कुमार विश्वास ने 'आप' की कलह पर कहा, 'अगर किसी दिन मैं असहज महसूस करता हूं, तो मैं अपने अंदर की परेशानी आप (किसी बाहरी व्यक्ति) से क्यों करूंगा। ऐसी बातें अपने करीबियों से की जाती हैं।' हालांकि कुमार विश्वास ने शायद उम्मीद नहीं छोड़ी है। इसलिए वह कह रहे हैं कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक में सबकुछ ठीक हो जाएगा। पार्टी फिर अपनी पुरानी ताकत के साथ खड़ी नजर आएगी।

हालांकि आम आदमी पार्टी ने बयान जारी कर कहा है कि प्रशांत भूषण, शांति भूषण और योगेंद्र यादव पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं। ये लोग चाहते थे कि पार्टी दिल्ली में सरकार न बना पाए। यहां तक कि योगेंद्र यादव के ऊपर आरोप लगाया गया है कि वे समाचार पत्रों में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ खबरें लगवाते थे और पार्टी को हराने में लगे थे। आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण ने आप द्वारा जारी किए गए उस बयान का जवाब देते हुए बोले कि अब वह समय आ गया है कि देश के सामने सच उजागर हो जाए और ऐसा बहुत जल्द होगा। पहले तो दूसरों के जरिए हम पर आरोप लगवाए जा रहे थे, अब पार्टी के पहली पंक्ति के नेता अब आरोप लगा रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने पार्टी द्वारा योगेंद्र और प्रशांत के खिलाफ बयान जारी करने पर सफाई दी है। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि पार्टी के अंदर की बातें कोई भी सार्वजनिक नहीं करेगा। लेकिन इसके बाद हर कोई अलग-अलग बयानबाजी करने लगा। ऐसे में हमने महसूस किया कि अब स्थिति को स्पष्ट नहीं किया, तो पार्टी की छवि खराब होगीर। इसलिए पार्टी को मजबूरन बयान जारी करना पड़ा है। '

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