'आधार का नागरिकता मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है': UIDAI ने निवासियों को भेजे गए नोटिस पर स्पष्टीकरण दिया
आधार नागरिकता का दस्तावेज नहीं है। UIDAI ने इस बात पर स्पष्टीकरण दिया।
हैदराबाद, एएनआइ। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India) ने स्पष्ट किया कि कुछ निवासियों को आरओ हैदराबाद द्वारा कथित तौर पर आधार से संबंधित गलत जानकारी के नोटिस दिए जा रहे हैं। यूआईडीएआई ने मंगलवार को कहा कि उसके हैदराबाद कार्यालय ने कथित तौर पर गलत तरीका अपनाकर आधार नंबर प्राप्त करने के लिए 127 लोगों को नोटिस भेजे। हालांकि, इसका नागरिकता से कोई संबंध नहीं है। बता दें कि यूआईडीएआई ने पुलिस से रिपोर्ट मिलने के बाद स्पष्टीकरण दिया।
UIDAI के आरओ हैदराबाद द्वारा नोटिस जारी करते हुए कहा गया था कि हैदराबाद में रिजनल ऑफिस को शिकायत मिली है कि आप भारत के नागरिक नहीं थे, आपने गलत जानकारी और फर्जी दस्तावेज की मदद से आधार नंबर हासिल किया। इसलिए वास्तविक दस्तावेज के साथ आपको रिजनल ऑफिस में पेश होना होगा।
नोटिस में बताया गया कि हैदराबाद रिजनल ऑफिस काफी समय से इस मामले की जांच कर रहा है। इस संबंध में सभी 127 लोगों को 20 फरवरी को इन्क्वॉयरी ऑफिस में पेश होकर नागरिकता साबित करने के लिए सभी मूल डॉक्यूमेंट्स दिखाने को कहा गया है। अगर वे अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए, तो ऐसे में उनका आधार नंबर निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
हैदराबाद में 40 एक वर्षीय ऑटो-रिक्शा चालक के आधार कार्ड नकली बताया गया है। UIDAI ने एक शिकायत पर उनसे नागरिकता साबित करने के लिए कहा है। रिक्शा चालक को 20 फरवरी को ऑफिस में पेश होना है। बता दें कि आधार एक्ट 2016 के मुताबिक, आधार नागरिकता का दस्तावेज नहीं है और आधार अधिनियम के तहत UIDAI को यह सुनिश्चित करना होता है कि आधार के लिए आवेदन करने से पहले कोई व्यक्ति भारत में कम से कम 182 दिनों से रह रहा है।