अब हम्पी की समृद्ध विरासत की डिजिटल सैर संभव
अपनी तरह की पहली योजना में आइआइटी जैसे प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों ने यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल हम्पी का एक थ्रीडी छवि तैयार किया है। इससे कर्नाटक के इस प्राचीन शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को लोग महसूस कर सकेंगे।
नई दिल्ली। अपनी तरह की पहली योजना में आइआइटी जैसे प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों ने यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल हम्पी का एक थ्रीडी छवि तैयार किया है। इससे कर्नाटक के इस प्राचीन शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को लोग महसूस कर सकेंगे।
एक मोबाइल एप भी विकसित किया गया है, जिसकी मदद से इसके उपयोगकर्ता खंडहर बन चुके हम्पी के मूल ढांचों को देख सकेंगे। इस महत्वाकांक्षी योजना में शामिल आइआइटी दिल्ली के प्रोफेसर सांतनु चौधरी ने बताया कि मिसाल के तौर पर अगर कोई व्यक्ति अपना मोबाइल विठाला मंदिर की तरफ करता है तो वह इसके आस्तित्व को पूर्ण रूप में देखने में सक्षम होगा।
अब यह मंदिर खंडहर के रूप में अवशेष है। इसका प्रदर्शन 18 और 19 नवंबर को इंडिया हैबिटेट सेंटर में किया जाएगा। इस मौके पर केंद्रीय विज्ञान व तकनीकी राज्यमंत्री वाईएस चौधरी डिजिटल हम्पी का अनावरण करेंगे। हम्पी मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी था, जो अब केवल खंडहरों के रूप में अवशेष है।
हर साल यहां दुनियाभर के पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में कोई भी आगंतुक भव्य विठाला मंदिर परिसर या एक समय गुलजार रहीं वीरुपक्ष बाजार की गलियों की सैर कर सकेगा।
प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञ शामिलः
विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय समर्थित महत्वाकांक्षी पहल भारतीय डिजिटल विरासत योजना में आइआइटी दिल्ली, आइआइटी मुंबई समेत दस से अधिक प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं।