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छत्तीसगढ़ में स्वस्थ होकर लौटा पुलिसकर्मी दोबारा संक्रमित, फिर कराया गया भर्ती

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीज के स्वस्थ्य होने के बाद दोबारा संक्रमित होने का पहला मामला सामने आया है। जानें क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 08:56 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में स्वस्थ होकर लौटा पुलिसकर्मी दोबारा संक्रमित, फिर कराया गया भर्ती
छत्तीसगढ़ में स्वस्थ होकर लौटा पुलिसकर्मी दोबारा संक्रमित, फिर कराया गया भर्ती

अंबिकापुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीज के स्वस्थ्य होने के बाद दोबारा संक्रमित होने का पहला मामला सामने आया है। सूरजपुर जिले में झारखंड के प्रवासी श्रमिक के संपर्क में आने से संक्रमित हुए पुलिसकर्मी को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद स्वस्थ्य होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल से निकल कर वह 14 दिन क्वारंटाइन रहे। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने दोबारा सैंपल लिया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब उन्हें मेडिकल कालेज अंबिकापुर स्थित कोविड अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है।

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एम्स रायपुर के अधीक्षक डॉ. करन पीपरे कहते हैं कि ऐसे मामले कम ही सामने आते हैं। कुछ मरीजों में कोरोना की एंटीबाड़ी पूरी तरह नहीं बन पाती है। इससे वायरस शरीर में दवाओं का प्रभाव खत्म होते ही फिर सक्रिय हो सकता है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना के इलाज की अभी कोई दवा नहीं है और वायरस अलग-अलग तरह से लक्षण सामने आ रहे हैं। संक्रमण को लेकर जो समस्याएं सामने आ रही हैं। हर बिंदुओं को शोध में शामिल किया जा रहा है। फौरी तौर पर कुछ कहना ठीक नहीं है।

इस बीच छत्‍तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 95 और इलाकों को कंटेनमेट जोन घोषित किया गया है। राज्‍य में प‍िछले हफ्ते तक 44 कंटेनमेंट थे। राज्‍य में 13 रेड जबकि 39 ऑरेंज जोन घोषित हैं। राज्‍य में 68 नए मामलों के साथ संक्रमितों का आंकड़ा 361 हो गया है जिनमें 282 सक्रिय केस हैं। इस बीच लॉकडाउन के दो महीनों के दौरान पिछले साल के मुकाबले सूबे में दवाओं की बिक्री में करीब 50 फीसद की कमी आई है। 

राज्य में पिछले साल अप्रैल-मई माह में 180 करोड़ रुपये का दवा कारोबार हुआ था। इस बार वह घटकर 92 करोड़ रुपये हो गया है। कारोबारियों का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान दुर्घटनाएं कम होने, बड़े-छोटे ऑपरेशन नहीं होने और क्लीनिकल जांच आदि बंद रहने से दवाओं की बिक्री पर खास असर पड़ा है। दवा विक्रेता संघ रायपुर के अध्यक्ष विनय कृपलानी ने कहा कि इस सीजन में पीलिया और डायरिया जैसी बीमारियों की दवाओं की बिक्री होती थी जो 20 फीसद कम हो गई है। 


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