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दीवानी अदालत ने कहा, कंगना ने अपने फ्लैट में किया अनधिकृत निर्माण, यह स्वीकृत प्लान का घोर उल्लंघन

उपनगर डिंडोशी की दीवानी अदालत ने कहा है कि अभिनेत्री कंगना रनोट ने अपने तीन फ्लैटों को एक में मिलाते समय स्वीकृत प्लान का उल्लंघन किया है। अदालत ने रनोट की याचिका पिछले हफ्ते खारिज की थी लेकिन विस्तृत आदेश बृहस्पतिवार को आया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 11:57 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 11:57 PM (IST)
दीवानी अदालत ने कहा, कंगना ने अपने फ्लैट में किया अनधिकृत निर्माण, यह स्वीकृत प्लान का घोर उल्लंघन
अदालत ने कहा है कि कंगना रनोट ने तीन फ्लैटों को एक में मिला स्वीकृत प्लान का उल्लंघन किया है।

मुंबई, पीटीआइ। अभिनेत्री कंगना रनोट (Kangana Ranaut) ने अपने तीन फ्लैटों को एक में मिलाते समय स्वीकृत प्लान का उल्लंघन किया है। मुंबई नगर निकाय (Mumbai civic body) को अनधिकृत निर्माण गिराने से रोकने की मांग करते हुए दाखिल अभिनेत्री की याचिका को खारिज करते हुए मुंबई की एक दीवानी अदालत ने यह कठोर टिप्पणी की। उपनगर डिंडोशी की दीवानी अदालत ने रनोट (Kangana Ranaut) की याचिका पिछले हफ्ते खारिज की थी लेकिन विस्तृत आदेश बृहस्पतिवार को आया।

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न्यायाधीश एलएस चवन ने उल्लेख किया है कि खार इलाके में 16 मंजिले भवन के पांचवें माले पर कंगना के तीन फ्लैट हैं। उन्होंने (Kangana Ranaut) तीनों को एक में मिला लिया गया है। ऐसा करते हुए उन्होंने (Kangana Ranaut) मुक्त छोड़े गए क्षेत्रों को भी शामिल कर लिया। कंगना ने संक एरिया, डक्ट एरिया और आम रास्ते को कवर करा दिया। अदालत ने कहा कि यह स्वीकृत प्लान का गंभीर उल्लंघन है जिसके लिए सक्षम अधिकारी से मंजूरी जरूरी है।

बृहन्मुंबई महापालिका परिषद (Brihanmumbai Municipal Corporation, BMC) ने मार्च 2018 में अभिनेत्री (Kangana Ranaut) को अनधिकृत निर्माण के लिए नोटिस जारी किया था। दूसरी बार नोटिस में अभिनेत्री को मूल स्वरूप बहाल करने को कहा गया था और अनधिकृत हिस्सा गिरा देने की चेतावनी दी गई थी। कंगना (Kangana Ranaut) ने इस नोटिस को चुनौती दी थी और कोर्ट से कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।

उल्लेखनीय है कि बीते नौ सितंबर को बीएमसी ने कंगना का मुंबई के बांद्रा में पाली हिल स्थित बंगले को अवैध निर्माण के आरोप में तहस-नहस कर दिया था। घर को गिराने से रोकने की रनोट की याचिका पर अदालत ने पूर्व में यथास्थिति बहाल की थी। लेकिन जज चह्वाण ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अभिनेत्री की याचिका को खारिज कर दिया था। हालांकि अदालत ने उनको छह हफ्ते की मोहलत दी थी ताकि वह फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकें। 


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