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गोबर बेच कर इस शख्स ने कमाए 1 लाख रुपये से ज्यादा, दो पहिया वाहन भी खरीदा; CM भूपेश बघेल को कहा शुक्रिया

छत्तीसगढ़ में एक शख्स ने गोबर बेच कर 1 लाख रुपये से ज्यादा पैसे कमाएं और साथ ही एक दो पहिया वाहन खरीदा है। इसके लिए उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल का शुक्रिया अदा किया है। गोधन न्याय योजना के तहत इस शख्स ने यह सब किया।

By Pooja SinghEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 11:07 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 11:23 AM (IST)
गोबर बेच कर इस शख्स ने कमाए 1 लाख रुपये से ज्यादा, दो पहिया वाहन भी खरीदा; CM भूपेश बघेल को कहा शुक्रिया
गोबर बेच कर इस शख्स ने 1 लाख रुपये से ज्यादा के साथ खरीदा दो पहिया वाहन

रायपुर, एएनआइ। छत्तीसगढ़ राज्य में इन दिनों गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) का भरपूर लाभ उठाया जा रहा है। प्रदेश में स्थित दंतेवाड़ा में एक शख्स ने इस योजना के तहत गाय के गोबर को बेचा। इसको बेचने के बाद उन्होंने 6 महीने में 1 लाख रुपये से ज्यादा और दो पहिया वाहन खरीद लिया। शख्स ने योजना के लिए राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने गोधन न्याय योजना का मजाक उड़ाया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि युवाओं को पढ़ाई से दूर रहना चाहिए क्योंकि राज्य सरकार ने उनसे गाय-गोबर इकट्ठा कराने का निर्णय लिया। 

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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जून 2020 में मवेशियों का गोबर खरीदने के लिए गोधन न्याय योजना बनाई थी। इसके अंतर्गत सरकार पशुपालकों से दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीदती है। योजना की घोषणा के साथ इसका विरोध भी जमकर किया गया था। 

बता दें कि योजना की घोषणा करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना के मध्याम से किसानों और पशु पालन करने वाले लोगों की आय में तो वृद्धि होगी ही, साथ ही गोबर का भी दाम मिलने के चलते कोई भी गाय को खुले में नहीं छोड़ेगा।

जानकारी के लिए बता दें कि छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में लोग अक्सर पशुओं का दूध निकाल उन्हे खुला छोड़ देते हैं, जिसके गांव तथा शहरों में गोबर यूं ही पड़ा रहता है। ऐसे में गंदगी बढ़ती। गोधन न्याय योजना में गाय का गोबर बेचने के लिए इस पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में पशुपालको को आय के रूप में भी फायदा पहुंचएगा।  इसके लिए लोगों के लिए एक कार्ड भी जारी किया गया। इस इस योजना के अंदर गौठान समिति या उसके द्वारा नामित समूह द्वारा घर- घर जा कर गोबर संग्रहण किया जाएगा। राज्य के निवासियों से खरीदे गए गोबर से जुड़ी सभी जानकारी इन कार्ड में रोजाना दर्ज की जाएगी। इस योजना की शुरूवात राज्य में 20 जुलाई हरेली के पर्व से कर दी गई थी। 


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