महिला दिवस पर एसिड हमले की पीडि़तों का कैलेंडर
इस महिला दिवस पर एक अनोखा कैलेंडर लॉन्च होने जा रहा है। दूसरे कैलेंडर्स की तरह इसकी भी एक थीम होगी। हर माह के पन्ने पर एक मॉडल पोज देते हुए नजर आएगी, लेकिन यह थीम सबसे हटकर होगी। तीन जाने-माने फोटोग्राफर और फिल्म निर्माता राहुल सहरान, बेल्जियम के पास्कल
लुधियाना। इस महिला दिवस पर एक अनोखा कैलेंडर लॉन्च होने जा रहा है। दूसरे कैलेंडर्स की तरह इसकी भी एक थीम होगी। हर माह के पन्ने पर एक मॉडल पोज देते हुए नजर आएगी, लेकिन यह थीम सबसे हटकर होगी। तीन जाने-माने फोटोग्राफर और फिल्म निर्माता राहुल सहरान, बेल्जियम के पास्कल मन्नार्ट और सुरभि जायसवाल ने मिलकर इस कैलेंडर के लिए फोटोशूट किया है।
इस कैलेंडर में एसिड हमले की शिकार उन 11 महिलाओं की तस्वीर होंगी, जिन्होंने इस भयावह प्रताड़ना का सामना कर खुद को दुनिया के लिए मिसाल बनाकर पेश किया। एसिड हमले की पीड़ितों के पुनर्वास के लिए काम कर रहे संगठन 'स्टॉप एसिड अटैक' इस कैलेंडर को लॉन्च करेगा।
संगठन के संस्थापक आशीष शुक्ला का कहना है कि इस दर्दनाक अनुभव से गुजरी महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ाने की यह एक कोशिश है। हमले से मिले जख्मों से पीडि़ताएं सोचने लगती हैं कि अब वह समाज में पहले की तरह सम्मान से नहीं जी सकतीं। मगर, यह कैलेंडर उन्हें फिर से समाज के बीच लाने की कोशिश है।
उदाहरण के लिए इनमें से एक है लुधियाना की रूपा। उन्हें इस कैलेंडर में फोटोजर्नलिस्ट के रूप में दिखाया गया है। वहीं, डॉली और गीता को एक डॉक्टर और शेफ के रूप में पेश किया गया है। लुधियाना की राजवंत कौर का कहना है कि जिस देश में खुबसूरत और दुबली लड़कियों को शादी के लिए सबसे उचित माना जाता है वहां कोई भी एसिड अटैक से बिगड़े हुए चेहरे को मॉडल के रूप में सोच भी नहीं सकता।
संगठन से जुड़ने से पहले में खुद को एसिड अटैक पीड़ित मानती थी लेकिन अब मेरा नजरिया बदल गया है। कैलेंडर पर अपना चेहरा देखना मेरे लिए सपने जैसा है। शुक्ला के अनुसार इन कैलेंडर से होने वाली कमाई का उपयोग एसिड अटैक के पीडि़तों के पुनर्वास के लिए किया जाएगा।
आशीष के अनुसार हमने फंड रेज करने के लिए एक अभियान भी शुरू किया है और लोगों से अपील करते हैं कि वह हमारी 'फंडड्रीम्सइंडिया डॉट कॉम' के नाम से बनाई गई वेबसाइट पर जाकर बेल्लो कैलेंडर चुनकर डोनेट करें।
साभारः नई दुनिया