तमिलनाडु: स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ हिंसक हुआ विरोध प्रदर्शन, 9 की मौत
तूतीकोरिन जिले में स्टरलाइट के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। प्रदर्शन के दौरान 9 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई घायल हुए हैं।
चेन्नई, प्रेट्र। ट्यूटीकोरिन में स्थित वेदांता के स्टरलाइट कॉपर प्लांट के विस्तार के खिलाफ तीन माह से चल रहा प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई। विपक्षी पार्टियों ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है, जबकि सरकार का कहना है कि इसे टालना लगभग नामुमकिन था।
मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने मृतकों को दस-दस लाख रुपये बतौर मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके साथ ही घटना की न्यायिक जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। उनका कहना है कि प्रदर्शनकारी प्रशासन के आदेश की अवहेलना कर जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ जा रहे थे। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने घटना की निंदा करते हुए मृतकों के परिजनों से सहानुभूति जताई है।
तीन माह से चल रहा प्रदर्शन
वेदांता के स्टरलाइट कॉपर प्लांट के विस्तार के खिलाफ प्रदर्शन लगभग तीन माह से चल रहा था। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार मंगलवार को तकरीबन 20 हजार लोगों का हुजूम एक चर्च के पास एकत्र हुआ और फिर जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ चल पड़ा। प्रशासन ने पहले से ही प्लांट के आसपास धारा 144 लगा रखी थी। लोगों से कहा गया कि वे वापस लौट जाएं। वो नहीं माने और रास्ते में आने वाले सरकारी दफ्तरों व वाहनों को जमकर निशाना बनाया गया। बैंकों को भी नहीं बख्शा गया। पुलिस का कहना है कि भीड़ ने जब पत्थरबाजी बंद नहीं की तो एहतियात के तौर पर पहले लाठियां और फिर गोलियां चलाई गईं। पहले फायरिंग हवा में की गई। वो नहीं माने तो सीधी फायरिंग की गई, जिसमें नौ लोगों की जान गई।
सरकार का दावा, प्लांट के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सरकार का कहना है कि मार्च 2013 में गैस लीक का मामला सामने आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता ने प्लांट को बंद करने का आदेश दिया था। कंपनी एनजीटी के पास चली गई। वहां से सरकार का आदेश निरस्त हुआ तो सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। याचिका अभी विचाराधीन है। तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने भी कंपनी की एक अपील को खारिज कर दिया है। इसमें प्लांट की कार्यवाही को लेकर नई अनुमति मांगी गई थी। कंपनी ने इसके खिलाफ अपीलेट अथॉरिटी के पास गुहार लगाई है। याचिका पर सुनवाई छह जून को होनी है।
विपक्ष ने बताया अमानवीय
द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने घटना को अमानवीय बताया। उनका कहना है कि लोगों की भीड़ पर गोली चलाना दर्शाता है कि सरकार को उनकी मौत से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की मांग के साथ मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने को कहा है। स्टालिन बुधवार को कर्नाटक की नई सरकार के शपथग्रहण समारोह में जा रहे थे, लेकिन उन्होंने बेंगलुरु जाना स्थगित कर दिया है। अन्य दलों पीएमके, डीएमडीके, एमडीएमके, कांग्रेस, एमएनएम ने भी पुलिस कार्रवाई की भर्त्सना की है। एमएनएम के संस्थापर कमल हासन ने प्लांट को हमेशा के लिए बंद कर की अपील सरकार से की। एमडीएमके नेता वाइको ने घटना की तुलना जलियावाला बाग से की।