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चुनाव आयोग के घेरे में अब श्रीप्रकाश जायसवाल

कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के बाद तीसरे केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के बयान ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कांग्रेस की सरकार न बनने की दशा में राष्ट्रपति शासन लगाने के बयान पर भाजपा और सपा की आपत्ति के बाद चुनाव आयोग ने भी संज्ञान ले लिया है।

By Edited By: Published: Thu, 23 Feb 2012 11:25 AM (IST)Updated: Fri, 24 Feb 2012 03:54 AM (IST)
चुनाव आयोग के घेरे में अब श्रीप्रकाश जायसवाल

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के बाद तीसरे केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के बयान ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कांग्रेस की सरकार न बनने की दशा में राष्ट्रपति शासन लगाने के बयान पर भाजपा और सपा की आपत्तिके बाद चुनाव आयोग ने भी संज्ञान ले लिया है।

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वहीं परेशान कांग्रेस ने भी उन्हें स्पष्ट शब्दों में संकेत दे दिया कि अनावश्यक बयान न दें। लखनऊ में जहां निर्वाचन अधिकारी के पास औपचारिक शिकायत मिल चुकी है वहीं दिल्ली में भी चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया जा सकता है। शुक्रवार को आयोग में बेनी की सुनवाई होनी है। उससे पहले ही एक और मंत्री घेरे में आ गए हैं।

भाजपा और सपा ने जायसवाल के बयान को जनता को धमकी करार देते हुए आचार संहिता के उल्लंघन का सवाल उठाया है। दिल्ली में चुनाव उपायुक्त विनोद जुत्शी ने बताया कि लखनऊ में चुनाव अधिकारी को भाजपा की ओर से शिकायत मिली है। आयोग ने उचित कार्रवाई करने को कहा है। अगर राजनीतिक दल दिल्ली में अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं तो यहां से भी जायसवाल को नोटिस दिया जा सकता है। यदि श्रीप्रकाश जायसवाल आचार संहिता उल्लंघन के दोषी पाए गए तो उत्तार प्रदेश में वह तीसरे कांग्रेस नेता और केंद्रीय मंत्री होंगे।

दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने व्यंग भरे लहजे में कहा 'जब माननीय जायसवाल साहब ने सफाई दे दी है तो कुछ कहने की जरूरत नहीं है।' कांग्रेस सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ रही है। समय से पहले कांग्रेस जन को अनावश्यक रूप से अंदाजा नहीं लगाना चाहिए।

श्रीप्रकाश जायसवाल:-

'उत्तार प्रदेश में यदि कांग्रेस बहुमत में नहीं आई तो राष्ट्रपति शासन लगेगा'।

-कोयला मंत्री

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श्रीप्रकाश बाद में:

'मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मैंने उन्हें वह बताया था, जिसका संविधान में उल्लेख है। वह यह है कि स्पष्ट बहुमत न होने पर राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है' -------------

-चुनाव अधिकारी ने दिया उचित कार्रवाई का निर्देश

-कांग्रेस भी नाराज, समय से पहले अंदाजा न लगाएं

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