उन्नत भारत अभियान से जुड़े 840 नए संस्थान, अब छात्र करेंगे किसानों की समस्या का समाधान
छात्र अब किसान की समस्याओं को सुलझाते नजर आ सकते हैं। गांवों की समस्याओं को जानने और उन्हें सुलझाने के लिए देश भर के 840 नए विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान आगे आए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गांवों की समस्याओं को जानने और उन्हें सुलझाने के लिए देश भर के 840 नए विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान आगे आए हैं। इन संस्थानों ने यह रुचि सरकार की ओर से चलाए जा रहे उन्नत भारत अभियान के दूसरे चरण से जुड़कर दिखाई है। इसके तहत प्रत्येक संस्थान को अपने आसपास के गांवों को गोद लेना है और समस्याओं से निपटने में उनकी मदद करना है।
देश भर के 688 संस्थान जुड़े
इन संस्थानों में 521 तकनीकी और 319 गैर-तकनीकी संस्थान हैं। गांवों की समस्याओं को जानने और उन्हें सुलझाने के लिए सरकार के इस उन्नत भारत अभियान से जुड़कर अभी देश के करीब 688 संस्थान काम कर रहे हैं।
इस योजना की शुरुआत सरकार ने 2014 में की थी, लेकिन इसे शुरू होते-होते काफी समय लग गया। बाद में 2016 में इसके पहले चरण को शुरू किया जा सका। इसके तहत प्रत्येक संस्थान को अपने आस-पास के कम से कम पांच गांवों को गोद लेना है। संस्थान अपनी क्षमता के मुताबिक गांवों की संख्या बढ़ा भी सकते हैं।
छात्र करेंगे समस्या के समाधान की पहल
इस योजना को लेकर संस्थानों के बढ़े रुझान के पीछे छात्रों को पढ़ाई के साथ गांव और समाज से परिचित भी कराना शामिल है। यही वजह है कि अभियान के तहत संस्थानों की ओर से गोद लिए जाने वाले प्रत्येक गांवों में छात्रों को भेजा जाता है।
यहां वह लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को जानने और उनका समाधान भी देने की कोशिश करते हैं। इनमें मोबाइल के जरिए डिजिटल लेनदेन, खेती में नई तकनीक के इस्तेमाल सहित सरकार की ओर से चलाई जाने वाली योजनाओं से भी रू-ब-रू कराना शामिल है।
पीएम मोदी ने की थी पैरवी
छात्रों का समाज और गांवों के साथ रुझान को बढ़ाने की पहल हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की थी। उच्च शिक्षा की चुनौतियों को लेकर आयोजित सम्मेलन में पीएम ने संस्थानों से छात्रों को पढ़ाई के साथ समाज के साथ जोड़ने पर भी जोर दिया था।
यूपी के भी 70 संस्थानों ने दिखाई रुचि
गांवों को गोद लेने और वहां के लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए शुरू किए गए इस अभियान के दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश के भी 70 संस्थानों ने हिस्सा लिया है। जबकि इस अभियान में उत्तराखंड से 17, बिहार से आठ, झारखंड से छह और पंजाब से 20 संस्थान आगे आए हैं। इसके अलावा दूसरे राज्यों से भी बड़ी संख्या में संस्थान आगे हैं।