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8000 से ज्यादा भारतीय कटा चुके हैं मंगल का टिकट

चेन्नई। मंगल ग्रह पर बसने और हमेशा के लिए वहीं रहने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अब तक

By Edited By: Published: Fri, 30 Aug 2013 01:31 PM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2013 01:31 PM (IST)
8000 से ज्यादा भारतीय कटा चुके हैं मंगल का टिकट

चेन्नई। मंगल ग्रह पर बसने और हमेशा के लिए वहीं रहने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अब तक 8,000 से ज्यादा भारतीयों ने मंगल के लिए अपनी सीट बुक करा ली है। 'मार्स वन' प्रोजेक्ट का इरादा अगले 10 साल के भीतर मंगल पर इंसानी कालोनी बसाने का है। मार्स वन नामक इस संस्था ने साल 2023 में मंगल पर इंसानों के लिए स्थायी निवास तैयार करने के मकसद से प्रोजेक्ट शुरू किया है। जो लोग मंगल पर जाना चाहते हैं उन्हें सिर्फ इसकी वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना है।

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अब तक 8,107 भारतीय आवेदन भर चुके है। इस आंकड़े के साथ ही भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश बन गया जहां के निवासी मंगल पर हमेशा के लिए रहना चाहते हैं। मार्च वन की आशिमा डोगरा ने बताया कि नामांकन देने वाले 10 शीर्ष देशों में 37,852 आवेदकों के साथ अमेरिका सबसे आगे है। इसके बाद चीन (13,124), ब्राजील (8,686), भारत (8,107), रूस (7,138), ब्रिटेन (6,999), मेक्सिको (6,771), कनाडा (6,593), स्पेन (3,621) और फिलिपींस (3,516) का नंबर आता है। इस साल 31 अगस्त पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि है, वहीं 1,65,000 लोगों ने यह सोच कर आवेदन दिया कि वह मंगल ग्रह पर रहने वाले पहले मानव होंगे। उन्होंने कहा कि मार्च वन मिशन इस वक्त दुनिया में सबसे ज्यादा प्रचलित हो गया है। 140 से ज्यादा देशों के लोग किसी अन्य ग्रह में जीवन बिताने पर विचार कर रहे हैं। डोगरा ने कहा कि मंगल पर पहले पद चिह्न और जीवन बिताने की चाहत आने वाली पीढि़यों को प्रोत्साहित करेगी।

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