Move to Jagran APP

पानी का मुख्य स्रोत है बारिश, लेकिन 80 फीसद पानी हो जाता है बर्बाद

भू-वैज्ञानिकों की मानें तो प्रदेश में जब तक बड़े पैमाने पर कंटूर, चेक डैम, री-चार्ज पीट, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आदि का निर्माण नहीं होता, स्थिति बदतर होती जाएगी।

By Suchi SinhaEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 04:21 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 11:32 AM (IST)
पानी का मुख्य स्रोत है बारिश, लेकिन 80 फीसद पानी हो जाता है बर्बाद
पानी का मुख्य स्रोत है बारिश, लेकिन 80 फीसद पानी हो जाता है बर्बाद

रांची। प्रदेश के कई क्षेत्रों में 500 फीट की गहराई में भी पानी उपलब्ध नहीं है। जिस रफ्तार से यहां भू-गर्भ जल का दोहन हो रहा है, उसका महज 10 फीसदी हिस्सा ही री-चार्ज हो रहा है। वर्षा जल का लगभग 80 फीसदी हिस्सा बेकार बह जा रहा है। भू-वैज्ञानिकों की मानें तो प्रदेश में जब तक बड़े पैमाने पर कंटूर, चेक डैम, री-चार्ज पीट, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (आरडब्ल्यूएचएस) आदि का निर्माण नहीं होता, स्थिति बदतर होती जाएगी। भावी पीढ़ी को पानी के लिए तरसना न पड़े, इसके लिए सरकार ने 30 वर्षों के बाद की परिकल्पना कर शहरी जलापूर्ति पर मंथन शुरू तो कर दिया है, परंतु योजनाओं की प्रगति रफ्तार नहीं पकड़ रही। हाल के दिनों में भवनो में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति सरकार ने सख्‍ती बरती है बावजूद इसके रांची शहर के ज्‍यादातर मकानों में अब भी पानी के संरक्षण की कोई व्‍यवस्‍था नहीं। पाइप लाइन से पानी की व्‍यवस्‍था इतनी नाकाफी है कि आधी से अधिक आबादी हैंडपंप या बोरिंग पर निर्भर है।

loksabha election banner

कब, कितने पानी की जरूरत
वर्ष  - आबादी - आवश्यकता

1951 -   1.06  - 5.87
1961 - 1.40 - 7.70
1971 - 2.55 - 14.05
1981 - 4.89 - 26.92
1991 - 5.99 - 32.95
2001 - 8.63 - 47.46
2011 - 12.43 - 68.36
2021 - 17.90 - 98.47
2031 - 25.79 - 141.83
2041 - 37.14 - 204.27

बानगी राजधानी रांची की। आबादी लाख में, आवश्यकता मिलियन गैलन प्रतिदिन, 2011 के बाद के आंकड़े अनुमानित हैं।

इन राज्यो में डीप बोरिंग पर है प्रतिबंध :
राजस्थान, आंध्रप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, तामिलनाडु, पांडिचेरी, दिल्ली, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र।

कुछ यूं बर्बाद हो रहा पानी :
- साबुन लगाते समय झरना बंद कर देने से 70 लीटर पानी बचाया जा सकता है।
- ब्रश करते समय चलता हुआ नल पांच मिनट में 45 लीटर पानी बहाता है। मग का इस्तेमाल कर 44.5 लीटर पानी की बचत की जा सकती है।
- हाथ धोने के दौरान खुला नल दो मिनट में 18 लीटर पानी बहाता है। मग के इस्तेमाल से 17.75 लीटर पानी बचाया जा सकता है।
- शेविंग के वक्त बहता हुआ नल दो मिनट में 18 लीटर पानी बहाता है। मग से शेविंग कर 16 लीटर पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है।

वाटर हार्वेस्टिंग के फायदे :
- बरसात के दिनों में अगर हम सौ वर्गफीट की छत का पानी संचय करते हैं, तो पूरे एक साल तक आठ से 10 लोगों को प्रतिदिन 213 लीटर पानी मिल सकता है।
- 50 से 350 वर्गफीट वाली छत से वर्षा जल संचय का कार्य सिर्फ एक 'वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अथवा रिचार्ज जरिए किया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.