Move to Jagran APP

यूपी, बिहार, असम अौर बंगाल में बाढ़ से तबाही, करीब 80 लाख लोग प्रभावित

बिहार में बाढ़ लगातार भयावह होती जा रही है। राज्य में बाढ़ से अब तक 155 लोगों के मरने की खबर है। सिर्फ कोसी और सीमांचल इलाके में ही अब तक 108 लोगों की मौत हो गई है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 11:04 AM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 11:04 AM (IST)
यूपी, बिहार, असम अौर बंगाल में बाढ़ से तबाही, करीब 80 लाख लोग प्रभावित

नई दिल्ली/ पटना/लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और बंगाल में बाढ़ के हालात में आज कोई सुधार नहीं हुआ, बल्कि और लोगों की मौत की खबरें अा रही है। असम में 11 और लोगों की मौत हुई जिससे मृतकों का आंकड़ा 39 हो गया। राज्य के कुल 32 जिलों में से 24 में करीब 33.45 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। असम में इस साल बाढ़ से कुल 123 लोगों की मौत हो चुकी है। 

loksabha election banner

बिहार में बाढ़ लगातार भयावह होती जा रही है। राज्य में बाढ़ से अब तक 155 लोगों के मरने की खबर है। सिर्फ कोसी और सीमांचल इलाके में ही अब तक 108 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा 40 मौत अररिया जिले में हुई है। उधर उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से में बाढ़ विकराल होती जा रही है। राज्य में बाढ़ की चपेट में आकर 16 लोगों की मौत हो गई है। बिहार में मुजफ्फरपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल एवं मधेपुरा जिले बाढ़ से प्रभावित हैं।

बिहार सरकार ने बचाव के लिए एनडीआरएफ की चार अतिरिक्त टीमें मंगाई हैं। दो हजार जवानों ने पहले से ही मोर्चा संभाल रखा है। तीन हेलीकॉप्टरों से फूड पैकेट गिराए जा रहे हैं। अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया में हालात अभी भी बेकाबू हैं। पश्चिम चंपारण जिले में सोमवार रात पिपरा-पिपरासी तटबंध दो स्थानों पर टूट गया। इससे दर्जनों गांवों में पानी फैल गया है।

रेल व सड़क यातायात बाधित दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड तथा बगहा-बेतिया मुख्य मार्ग पर आवागमन ठप है। मोतिहारी-सुगौली रेलखंड पर भी सेवा बाधित है। बाढ़ का पानी बंजरिया हॉल्ट व सुगौली स्टेशन के ट्रैक पर चढ़ गया है। मनिया के पास रेल टै्रक धंसने से सहरसा-पूर्णिया व कटिहार-मालदा रेलखंड पर परिचालन बंद कर दिया गया है। राज्य में युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं। सीतामढ़ी, कटिहार एवं किशनगंज में सेना ने मोर्चा संभाल रखा है। उधर किशनगंज में राहत वितरण की मांग को लेकर करीब दर्जनभर स्थानों पर लोगों ने टायर जलाकर प्रदर्शन किया।

उप्र में कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर

उत्तर प्रदेश में बहुत सी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बहुत से गावों में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है। एनडीआरएफ, पुलिस और पीएसी की टीमें बचाव व राहत कार्य में लगी हैं। गोंडा में सरयू व घाघरा नदियां उफान पर हैं। बाराबंकी में घाघरा खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। वह बुधवार को बाढ़ प्रभावित लखीमपुर खीरी जिले के धौराहा तहसील के दौरे पर थे।

बंगाल में बाढ़ ने तोड़ा 22 वर्षों का रिकॉर्ड

 उत्तर बंगाल में आई भयावह बाढ़ ने पिछले 22 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इससे पहले वहां 1995 में बाढ़ से जानमाल का काफी नुकसान हुआ था, लेकिन इस बार हालात उससे कहीं ज्यादा विकराल हैं। उत्तर बंगाल के सात जिले अभी भी देश के बाकी हिस्सों से कटे हुए हैं। वहां सड़क व रेल मार्ग पानी की चपेट में है। विभिन्न नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

सैकड़ों गांव पानी में डूबे हुए हैं। लाखों लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है। उधर दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट में बाढ़ के पानी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं एक युवती भी पानी में बहकर आए सांप के काटने से मृत्यु की शिकार हो गई। इस जिले में बाढ़ जनित कारणों से मरने वालों की संख्या सरकारी तौर पर 11 बताई गई है। मालदा में भी बाढ़ से बुरे हालात हैं। दूसरी ओर बाढ़ के कारण उत्तर दिनाजपुर जिले में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों को 19 अगस्त तक बंद रखने का निर्देश दिया है।

यह भी पढ़ेंः रक्सौल में हजारों की संख्या में लोग हुए बेघर, महामारी की आशंका


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.