एससी, एसटी एक्ट में 75 प्रतिशत आरोपित अब तक हुए बरी
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट बार ने एक सर्वे कर दावा किया है कि 2015-16 में 75 प्रतिशत मामलों में कोर्ट ने एससीएसटी एक्ट में आरोपितों को बरी कर दिया है।
जबलपुर (नईदुनिया)। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट बार ने एक सर्वे कर दावा किया है कि 2015-16 में 75 प्रतिशत मामलों में कोर्ट ने एससीएसटी एक्ट में आरोपितों को बरी कर दिया है। इस एक्ट का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है। बार एसोसिएशन अध्यक्ष आदर्शमुनि त्रिवेदी ने कहा है कि यह सर्वे 2015-16 में एससी-एसटी एक्ट के तहत फाइल किए गए थे।
इसमें प्रदेश की तीन बेंचों और 90 प्रतिशत जिला अदालतों के मामलों का आकलन किया गया है। सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य निकलकर आए हैं। इस तरह के मामलों में 81 प्रतिशत आरोपित ओबीसी जाति के हैं और 14 प्रतिशत आरोपित उच्च वर्ग के हैं, शेष 5 प्रतिशत अल्पसंख्यक हैं। इन केसों में पाया गया है कि इन सभी केसों की रिपोर्ट करने वाले 90 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोग हैं। 10 प्रतिशत ही अनुसूचित जनजाति के हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना है कि 20 मार्च को इसी तरह के आंकड़ों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए इस एक्ट के अंतर्गत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। लेकिन केन्द्र सरकार ने संशोधन बिल संसद से पारित कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बदल दिया था। जिससे पूरे देश में आंदोलन हो रहे हैं।