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'अम्बिका' को 72 वर्ष में मिली हमेशा के लिए दर्द से मुक्ति, भारत की तरफ से अमेरिका को मिली थी भेंट

भारत के बच्चों की ओर से 1961 में अमेरिका को उपहार में दी गई 72 वर्षीय हथिनी अम्बिका ने इस दुनिया से अलविदा कह दिया है

By Pooja SinghEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 01:46 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 01:46 PM (IST)
'अम्बिका' को 72 वर्ष में मिली हमेशा के लिए दर्द से मुक्ति, भारत की तरफ से अमेरिका को मिली थी भेंट
'अम्बिका' को 72 वर्ष में मिली हमेशा के लिए दर्द से मुक्ति, भारत की तरफ से अमेरिका को मिली थी भेंट

वाशिंगटन, एएनआइ। भारत के बच्चों की ओर से 1961 में अमेरिका को उपहार में दी गई 72 वर्षीय हथिनी 'अम्बिका' ने इस दुनिया से अलविदा कह दिया है। सोनियन नेशनल जू (Smithsonian National Zoo) ने हाथी झुंड के सबसे बड़े सदस्य अंबिका की मौत पर शोक जताया है। बता दें कि अम्बिका हड्डियों के रोग से बहुत अधिक परेशान थी और ठीक होने की कोई उम्मीद नहीं बचने पर यहां राष्ट्रीय चिड़ियाघर में पशु चिकित्सकों ने उसे इस दर्द से हमेशा की मुक्ति दे दी।

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अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि उत्तरी अमेरिका में तीसरी सबसे उम्रदराज एशियाई हथिनी अम्बिका को स्मिथसोनियन नेशनल जू में मौत दे दी गई। स्मिथसोनियंस नेशनल जू और कंजर्वेशन बायोलॉजी इंस्टीट्यूट के स्टीवनमोनफोर्ट ने बताया, ‘‘हमारे संरक्षण समुदाय में अम्बिका वास्तव में बेहद विशालकाय थी।’चिड़ियाघर की तरफ से जारी एक बयान में कहा कि उसके एशियाई हाथियों के झुंड की सबसे प्रिय उम्रदराज सदस्य अम्बिका को शुक्रवार को मृत्यु दी गई।

बयान में कहा गया है कि हाल ही में उसकी तबीयत बिगड़ गई थी और उसमें किसी भी प्रकार का कोई भी सुधार नहीं आ रहा था। अम्बिका की मौत पर अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने ट्वीट कर कहा कि ‘‘ईश्वर भारत की ओर से प्रिय उपहार अम्बिका की आत्मा को शांति दें।

अम्बिका का जन्म भारत में 1948 के आसपास हुआ था। उसे कुर्ग के जंगल से पकड़ा गया था जब वह महज आठ वर्ष की थी। वर्ष 1961 तक उसका इस्तेमाल सामान लाने-ले जाने के लिए किया जाता रहा और उसके बाद भारत के बच्चों की ओर से उसे उपहार के तौर पर अमेरिका को दे दिया गया। चिड़ियाघर के अधिकारियों के अनुसार अम्बिका का हड्डियों के रोग का इलाज चल रहा था जिसका पता सबसे पहले तब चला था जब वह 60 वर्ष की उम्र की थी। 


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