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विश्‍व में भारत के पास है वैक्सीन उत्पादन की सबसे अधिक क्षमता, जानें सीरम के सीईओ से जुड़ी कुछ खास बातें

भारत के सीरम में बनाई जाने वाली कोविड-19 की वैक्‍सीन का ट्रायल चल रहा है। भारत दुनियाभर में वैक्‍सीन उत्‍पादन में सबसे आगे है। सीरम इंस्टिट्यूट की बात करें तो इसकी कमान अब अदार पूनावाला के हाथों में है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 09:07 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 07:33 AM (IST)
अदार पूनावाला ने सीरम से जुड़ने के बाद इसको नए आयाम दिए हैं।

नई दिल्ली (वरुण आनंद)। दुनियाभर में कहीं भी वैक्सीन की बात आती है तो सबसे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का नाम लिया जाता है और इस नाम को इतना बड़ा ब्रांड बनाने के पीछे जिस शख्सियत की सोच और लगन ने काम किया, वो हैं इसके सीईओ अदार पूनावाला। कोरोना के दौर में पूरी दुनिया यदि भारत की तरफ देख रही है तो उसकी वजह यह है कि वैक्सीन उत्पादन की सबसे अधिक क्षमता हमारे पास ही है। आइए, एक नजर डालते हैं अदार पूनावाला के अब तक के सफर पर..

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कोरोना के खिलाफ जंग में पूरी दुनिया को शिद्दत से इंतजार है वैक्सीन का। ऐसे में एक बार फिर विश्व की निगाहें भारत पर आ टिकी हैं। इसकी वजह यह है कि वैक्सीन चाहे कोई भी आ जाए, लेकिन जितनी उत्पादन क्षमता भारत के पास है उतनी विश्व में किसी देश के पास नहीं है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका है पुणो स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की। यह विश्व का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादन केंद्र है। आज हम इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला के अब तक के सफर पर एक नजर डालने जा रहे हैं, जिनसे भारत समेत पूरी दुनिया को बड़ी उम्मीदें हैं।

सीरम इंस्टीट्यूट की स्थापना 1966 में भले ही डॉ. साइरस पूनावाला ने की, लेकिन इसे वास्तव में विस्तार उनके पुत्र अदार ने दिया। आज इस सीरम इंस्टीट्यूट के उत्पादों का निर्यात 165 से भी ज्यादा देशों में होता है। दुनिया के 70 फीसद बच्चों को सीरम में तैयार हुई कोई न कोई वैक्सीन दी जाती है। इसमें सबसे अहम योगदान अदार का ही रहा, जिन्होंने कंपनी से जुड़ने के बाद ही निर्यात बढ़ाने पर फोकस किया।

14 जनवरी, 1981 को महाराष्ट्र के पुणो में एक पारसी परिवार में जन्मे अदार अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। पुणो के बिशप स्कूल से शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद अदार ने आगे की पढ़ाई के लिए ब्रिटेन के सेंट एडमंड्स स्कूल, कैंटरबरी में दाखिला लिया। ग्रेजुएशन ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिंस्टर से की। अदार ने शुरू में ही तय कर लिया था कि वह अपने पिता के साथ उनके काम में जुड़ेंगे और स्नातक करने के बाद 2001 में वह सीरम इंस्टीट्यूट के साथ जुड़ गए।

उन्होंने शुरुआत से ही इस बात पर फोकस किया कि उनके यहां तैयार उत्पादों का निर्यात अधिक से अधिक देशों तक किया जाए। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से नए उत्पादों के लिए लाइसेंस लेने शुरू किए और अपने उत्पादों को यूनीसेफ (यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रेंस फंड) और पीएएचओ (पैन अमेरिकन हेल्थ आर्गेनाइजेशन) जैसी संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों तक पहुंचाने की शुरुआत की।

अदार के शामिल होने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट का निर्यात तेजी से बढ़ा और आज यह दुनिया के 165 से ज्यादा देशों को अपने उत्पादन उपलब्ध करा रहा है। कंपनी को 85 फीसद रेवेन्यू दूसरे देशों से ही प्राप्त होता है।फिर आता है वर्ष 2011, जिसमें अदार सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ बने और कंपनी का सारा काम संभालने लगे। वर्ष 2012 में उनकी कंपनी ने नीदरलैंड की एक सरकारी वैक्सीन उत्पादन कंपनी बिलथोवेन बायोलॉजिकल का अधिग्रहण किया और 2017 में चेक गणराज्य में प्राहा वैक्सीन लिमिटेड का।

इस तरह अदार निरंतर सीरम इंस्टीट्यूट का विस्तार करते चले गए। इस बीच वर्ष 2014 में सीरम इंस्टीट्यूट ने एक ऐसी वैक्सीन उतारी, जिसने इस कंपनी के सितारों को और रोशन कर दिया। दरअसल, कंपनी ने ओरल पोलियो वैक्सीन लांच की और यह इस कंपनी का बेस्टसेलर प्रोडक्ट साबित हुई। अब कोविड वैक्सीन पर नजर है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंस्टीट्यूट तैयारियों का जायजा लिया।

माल्या की पार्टी में मिला जीवनसाथी

इन सबके बीच वह दौर भी आया जब अदार को अपना जीवनसाथी मिल गया। गोवा में नए साल की पार्टी थी और इसके होस्ट थे विजय माल्या। इसी पार्टी में अदार की मुलाकात नताशा से होती है। लंबे समय तक दोनों ने एक-दूसरे के साथ डेट करने के बाद 2006 में विवाह बंधन में बंधने का फैसला किया। अदार ने विवाह-समारोह को बेहद सीमित रखा, जिसमें उनके स्वजन समेत बेहद करीबी परिवार वाले ही शामिल हुए। 2009 में पहले पुत्र साइरस और 2015 में दूसरे पुत्र डेरियस का जन्म हुआ।

अदार की पत्नी नताशा पूनावाला विल्लू पूनावाला फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं। इस फाउंडेशन की स्थापना अदार ने 2011 में अपनी दिवंगत मां विल्लू पूनावाला की याद में की थी। इस फाउंडेशन की तहत आज एक अस्पताल और छह स्कूल चल रहे हें। इनके अलावा इसके तहत पुणो में 25 पानी के संयंत्र स्थापित किए गए हैं। साथ ही 250 ट्रक व अन्य मशीनों के जरिये कचरा प्रबंधन किया जाता है। अदार की इच्छा भारत के साथ-साथ दुनियाभर से असमानता को खत्म करने में मदद करना है और इसके लिए वह स्वास्थ्य, शिक्षा, जल, स्वच्छता व पर्यावरण के क्षेत्र पर काम कर रहे हैं।

इन पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित

सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अदार पूनावाला के अविश्वसनीय कार्यो को देखते हुए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2016 में उन्हें जीक्यू मैग्जीन द्वारा वर्ष के परोपकारी का अवॉर्ड मिला। वहीं, 2017 में हॉल ऑफ फेम अवॉर्डस में ह्यूमैनिटेरियन एंडेवर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 2018 में एज महाराष्ट्र अचीवर्स अवॉर्डस समारोह में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने अदार को बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया।

कई बार रहे सुर्खियों में

वर्तमान में अदार की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड के नाम से ऑक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का परीक्षण करने और इसे भारी मात्र में तैयार करने को लेकर सुर्खियों में है। इससे पहले कई ऐसे दौर आए जब अदार ने सुर्खियां बटोरीं। 2013 में प्रिंस चाल्र्स एक निजी यात्र पर सीरम इंस्टीट्यूट में निर्माण सुविधा देखने आए। इस दौरान अदार ने उनकी मेजबानी की थी। 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत अदार को ब्रांड एंबेसडर नामित किया।


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