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फसल बीमा के पोर्टल पर दर्ज नहीं हुए 6511 गांव, केंद्र सरकार ने 30 सितंबर तक दी मोहलत

केंद्र सरकार ने दो दिन पहले प्रमुख सचिव कृषिष को पत्र लिखकर बताया है कि अभी भी पोर्टल में ब़़डी संख्या में गांव को लेकर त्रुटि प्रदर्शित हो रही है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 09:35 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 09:35 AM (IST)
फसल बीमा के पोर्टल पर दर्ज नहीं हुए 6511 गांव, केंद्र सरकार ने 30 सितंबर तक दी मोहलत

भोपाल, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए केंद्र सरकार के पोर्टल में मध्य प्रदेश के 6511 गांव अब तक दर्ज नहीं हो पाए हैं। इसे लेकर केंद्र सरकार ने दो दिन पहले प्रमुख सचिव कृषिष को पत्र लिखकर बताया है कि अभी भी पोर्टल में ब़़डी संख्या में गांव को लेकर त्रुटि प्रदर्शित हो रही है। उधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आशंका जताई है कि सरकार की लापरवाही से साढे़ छह हजार से ज्यादा गांवों के चार से पांच लाख किसानों को फसल बीमा से वंचित होना पड़ सकता है।

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केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कृषिष मंत्री कमल पटेल के आग्रह पर खरीफ फसल के लिए बीमा की तारीख ब़़ढा दी थी। सीहोर, हरदा, होशंगाबाद, देवास और रायसेन जिले में बा़़ढ की वजह से किसान प्रीमियम जमा नहीं कर पाए थे, इसलिए इन्हें अतिरिक्त समय दिया। इनका प्रीमियम 22 सितंबर तक बैंकों से बीमा कंपनी के खाते में जमा होना है। इसके लिए पोर्टल पर गांवों की जानकारी दर्ज की जानी है। 6511 गांव की जानकारी में त्रुटि प्रदर्शित हो रही है। इसे दुरस्त करवाने के लिए कृषिष विभाग से कहा गया है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि सात हजार गांवों की जानकारी ही बीमा पोर्टल पर दर्ज नहीं है। ऐसे में इन गांवों के चार से पांच लाख किसानों को फसल बीमा का लाभ ही नहीं मिलेगा।

केंद्र सरकार ने पत्र लिखकर 30 सितंबर तक इस काम को पूरा करने के लिए कहा है। उधर, कृषिष विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गांवों की जानकारी में सुधार करवाया गया है। किसानों के नाम और आधार नंबर 30 सितंबर तक दर्ज होंगे। यह काम भी चल रहा है।

बता दें कि आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फसल बीमा की न्यूनतम राशि को लेकर बड़ा एलान किया है। प्रदेश में फसल बीमा की न्यूनतम राशि को लेकर सरकार नियम बनाएगी। इससे पहले उन्होंने वनाधिकार महोत्सव में वनाधिकार पट्टों के वितरण की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाधिकार कानून के क्रियान्वयन में म.प्र. पहले स्थान पर है। अब तक हम 3 लाख से ज्यादा पट्टे बांट चुके हैं, जिसमें से 30000 सामूहिक दावे के पट्टे हैं और 2लाख 70 हज़ार व्यक्तिगत पट्टे हैं। 


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