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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में 4 महीने में 258 नई इकाइयों में 550 करोड़ रुपए का हुआ निवेश

Chhattisgarh News लॉकडाउन समाप्त होने और अनलॉक शुरू होने के साथ ही छत्तीसगढ़ में औद्योगिक गतिविधियों ने फिर जोर पकड़ लिया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 07:54 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 07:54 AM (IST)
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में 4 महीने में 258 नई इकाइयों में 550 करोड़ रुपए का हुआ निवेश
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में 4 महीने में 258 नई इकाइयों में 550 करोड़ रुपए का हुआ निवेश

रायपुर, जेएनएन। Chhattisgarh News, लॉकडाउन समाप्त होने और अनलॉक शुरू होने के साथ ही छत्तीसगढ़ में औद्योगिक गतिविधियों ने फिर जोर पकड़ लिया है। औद्योगिक उत्पादन में तेजी के साथ ही बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं। अब तक राज्य की 80 प्रतिशत औद्योगिक इकाइयां सक्रिय हो चुकी हैं। कोरोना के मापदंडों का पालन करते हुए डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मार्च से जून के बीच, जब सभी कोरोना से कराह रहे थे, तब राज्य में 258 नई इकाइयों में 550 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ।

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कोरोना संकट शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान भी औद्योगिक गतिविधियों को संचालित करने की रणनीति तैयार कर ली गई थी। इस दौरान सभी जरूरी सावधानियों के साथ प्रदेश के उद्योगों में उत्पादन होता रहा है। अब लॉकडाउन समाप्त होने और अनलॉक शुरू होने के बाद उद्योगों को और ज्यादा रियायतें मिल गई हैं, जिससे उत्पादन में उत्तरोतर वृद्घि हो रही है।

छत्तीसगढ़ की राखी देगी जोरदार टक्कर

भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर इस बार चायनीज राखियों को छत्तीसगढ़ की देसी राखी जोरदार टक्कर देने वाली है। राजधानी से लगे सेरीखेड़ी में महिलाओं का एक स्व सहायता समूह सब्जियों के बीज और बांस के छिलकों से देसी राखियां तैयार कर रहा है। दिलचस्प बात यह है कि यह राखी भाई-बहन के प्रेम के पौधे के रूप में पनप सकती है।

पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाली इन राखियों को जिला पंचायत रायपुर की मदद से तैयार कराया जा रहा है। राखियों को बेचने की व्यवस्था भी विभाग कर रहा है। इसकी बुकिंग भी शुरू हो गई है। इन राखियों की बिक्री जितनी होगी महिलाओं की आमदनी भी उतनी ही बढ़ेगी। राखी को तैयार करने के लिए महिलाएं बांस की पतली फत्तियों (बांस के पतले छिलके) को काटकर राखी का स्वरूप दे रही हैं। इन पत्तियों को चटख रंगों से रंगा गया है। 


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