ओखला पक्षी विहार के आसपास 53 बिल्डर प्रोजेक्ट होंगे बंद
नोएडा [जागरण संवाददाता]। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल [एनजीटी] ने ओखला पक्षी विहार के 10 किलोमीटर के दायरे में चल रहे उन सभी बिल्डर प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य तत्काल बंद करने का आदेश दिया है, जिन्होंने इनवायरमेंट क्लीयरेंस [अनापत्ति प्रमाण पत्र] नहीं लिया है।
नोएडा [जागरण संवाददाता]। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल [एनजीटी] ने ओखला पक्षी विहार के 10 किलोमीटर के दायरे में चल रहे उन सभी बिल्डर प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य तत्काल बंद करने का आदेश दिया है, जिन्होंने इनवायरमेंट क्लीयरेंस [अनापत्ति प्रमाण पत्र] नहीं लिया है।
एनजीटी ने बुधवार को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल करते हुए यह भी कहा कि नोएडा प्राधिकरण को पुलिस की मदद से बिल्डर प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य बंद कराना होगा। अगले दो सप्ताह के भीतर नोएडा प्राधिकरण, राज्य सरकार और पर्यावरण मंत्रालय को एनजीटी में जवाब देना होगा। वर्तमान में ओखला पक्षी विहार के 10 किमी के दायरे में 53 बिल्डर प्रोजेक्ट चल रहे हैं। एनजीटी के इस फैसले से बिल्डर लॉबी में हड़कंप मच गया है।
इससे पहले भी 19 जुलाई को एनजीटी में सुनवाई के दौरान ही ओखला पक्षी विहार के 10 किमी के दायरे को इको सेंसेटिव जोन [पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र] घोषित करने का आदेश दिया था। इसे लागू कराने का कार्य राज्य सरकार और नोएडा प्राधिकरण को दिया गया था। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अमित कुमार के वकील गौरव कुमार बंसल ने कहा कि इको सेंसेटिव जोन घोषित नहीं किया गया है। इसके बजाय कंस्ट्रक्शन कार्य जारी हैं, जिससे पक्षियों व जलीय जंतुओं के प्राकृतिक आवास पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इस पर एनजीटी ने ओखला पक्षी विहार के 10 किमी दायरे में निर्माणाधीन सभी बिल्डर प्रोजेक्टों का काम बंद करने का आदेश दे दिया।
इस आदेश पर अमल करके दो सप्ताह में जवाब दाखिल करना होगा। इसके बाद एनजीटी में इस मसले पर सुनवाई होगी। बुधवार को एनजीटी ने अपने आदेश में यह भी कहा कि जिन 53 बिल्डर के प्रोजेक्ट चल रहे हैं उन्हें भी इनवायरमेंट क्लीयरेंस नहीं लेने के संबंध में जवाब देना होगा।
ओखला पक्षी विहार के दस किमी के दायरे में कुल 53 बिल्डर प्रोजेक्ट चिह्नित किए गए हैं। वन विभाग ने यह सूची तैयार कर एनजीटी को सौंपी है। पिछले साल वन विभाग ने इन सभी प्रोजेक्टों को इनवायरमेंट क्लीयरेंस न लेने पर नोटिस भी जारी किया था। कार्रवाई की जद में आने वाले ज्यादातर बिल्डर प्रोजेक्ट सेक्टर 93, 94, 96, 97, 25, 18 आदि में हैं। यहां रिहायशी, व्यावसायिक प्रोजेक्टों के अलावा कई बड़े समूह के होटल भी निर्माणाधीन हैं।
दो साल पहले दी थी सूचना
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आधार बनाते हुए सेंचुरी व नेशनल पार्क के आसपास 10 किमी दायरे को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने के लिए दो साल पहले ही भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने सूचना दे दी थी। इस मंत्रालय की तरफ से 15 मार्च 2011 को सभी राज्यों व संघ शासित प्रदेशों को निर्देश जारी कर दिया था। इसमें कहा गया था कि सेंचुरी या नेशनल पार्क के 10 किमी की परिधि में कोई बिल्डर प्रोजेक्ट, खननं, निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए।
जैव विविधता के लिए जरूरी है
ओखला पक्षी विहार में 200 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी आते हैं। इनमें कई प्रवासी हैं। यहां काफी संख्या में वनस्पतियों और जैव विविधता की भी भरमार है। इन्हें अनुकूल माहौल दिलाने के लिए आसपास मानव व अन्य प्रकार की गतिविधियों को रोका जाना जरूरी है। ऐसी गतिविधि से जीवों के प्राकृतिक आवास को नुकसान पहुंचता है। यही वजह है कि ऐसे क्षेत्र को संवेदनशील घोषित कर वहां खनन, निर्माण कार्य, हाइड्रो प्रोजेक्ट, कूड़ा निस्तारण जैसी गतिविधि होने पर रोक लगाने जैसा कदम उठाया गया है।
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