स्वच्छ भारत अभियान के तहत 4327 शहरी निकाय खुले में शौच से हुए मुक्त
Swachh Bharat Abhiyan केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को गांधी जयंती के मौके पर स्वच्छता के छह साल बेमिसाल शीर्षक से एक वेबिनार का आयोजन कर स्वच्छ भारत अभियान-शहरी क्षेत्र (SBM-U) की छठी वर्षगांठ मना रहा है।
नई दिल्ली, एजेंसी। स्वच्छ भारत अभियान-शहरी क्षेत्र (SBM-U) के तहत देश में अभी तक 4,327 शहरी निकायों को 'खुले में शौच से मुक्त' (ODF) घोषित किया जा चुका है। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा है कि यह शहरी क्षेत्र में घरों में 66 लाख से ज्यादा व्यक्तिगत शौचालयों और छह लाख से अधिक सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की वजह से संभव हुआ है।
मंत्रालय ने कहा कि 2014 में एसबीएम-यू की शुरुआत के बाद से स्वच्छता व ठोस कचरा प्रबंधन के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की हुई। मंत्रालय शुक्रवार को गांधी जयंती के मौके पर 'स्वच्छता के छह साल, बेमिसाल' शीर्षक से एक वेबिनार का आयोजन कर एसबीएम-यू की छठी वर्षगांठ मना रहा है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी इस मौके पर एक जीआइएस पोर्टल की शुरआत करेंगे। इस पोर्टल पर प्रभावी ठोस कचरा प्रबंधन के लिए समूचे भारत में प्रयोग में लाए जा रहे नए तरीकों को प्रदर्शित किया जाएगा।
पीएम मोदी ने गंदगी भारत छोड़ो का दिया नारा
बता दें कि महात्मा गांधी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में दिया गया नारा अंग्रेजों भारत छोड़ो की तर्ज पर पीएम मोदी ने गंदगी भारत छोड़ो का नया नारा दिया है। दरअसल स्वच्छता अभियान के बावजूद हमारा देश अन्य देशों की तुलना में बहुत गंदा है। विश्व के अन्य देशों में स्वच्छता की ऐसी कोई मुहिम नहीं चलाई गई है। इसके बावजूद वे भारत से अधिक स्वच्छ हैं।
विदेशों में न तो कभी भारतीय सड़कों की तरह कोई झाडू लगाता दिखाई देता है और न ही वहां की महत्वपूर्ण हस्तियां हाथ में झाड़ू लिए स्वच्छता अभियान का प्रसार करती दिखती हैं। फिर भी उनके साफ रहने के पीछे रहस्य क्या है? इसका उत्तर उन देशों के नागरिकों के चरित्र में बहुत कम उम्र से जमी हुई स्वच्छता बनाए रखने की भावना है। हमारे बहुत से सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी न फैलाएं का बोर्ड लिखा देखा जा सकता है। इसके बाद भी वह स्थान गंदगी से भरा होता है।