Move to Jagran APP

गुटखा-सिगरेट माफिया पर ऑपरेशन 'कर्क' के जरिए बड़ी कार्रवाई, 400 करोड़ की टैक्स चोरी उजागर

गुटखा तस्करी के इस गिरोह के केंद्र में मध्य प्रदेश के इंदौर-उज्जैन के कारोबारी और तीन कंपनियां हैं। शातिर तस्करों ने डमी व्यक्तियों के नाम से ये कंपनियां बनाई थीं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 08:25 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2020 07:28 AM (IST)
गुटखा-सिगरेट माफिया पर ऑपरेशन 'कर्क' के जरिए बड़ी कार्रवाई, 400 करोड़ की टैक्स चोरी उजागर
गुटखा-सिगरेट माफिया पर ऑपरेशन 'कर्क' के जरिए बड़ी कार्रवाई, 400 करोड़ की टैक्स चोरी उजागर

इंदौर/भोपाल, राज्‍य ब्‍यूरो। गुटखा-सिगरेट पर टैक्स चोरी पकड़ने के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआइ) द्वारा 15 दिनों से जारी कार्रवाई को ऑपरेशन 'कर्क" नाम दिया गया है। अब तक 400 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी जा चुकी है। गुटखा तस्करी के इस गिरोह के केंद्र में मध्य प्रदेश के इंदौर-उज्जैन के कारोबारी और तीन कंपनियां हैं। शातिर तस्करों ने डमी व्यक्तियों के नाम से ये कंपनियां बनाई थीं। जांच एजेंसियों ने पहले एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया था। अब तीन और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। ये वही डमी लोग हैं जिनके नाम पर कंपनी बनाकर सरगना गुटखा तस्करी को अंजाम दे रहे थे। 

loksabha election banner

पाकिस्तानी नागरिक की गिरफ्तारी से जुड़ती गई कड़ियां  

डीआरआइ ने 30 मई को कार्रवाई शुरू करते हुए इंदौर के पालदा-सियागंज क्षेत्र में पहली छापेमारी की थी। इसमें गुटखे की खेप के साथ संजय माटा (पाकिस्तानी नागरिक) नामक कारोबारी पकड़ में आया था। पूछताछ में अन्य तस्करों से कड़ियां जुड़ती रहीं। जांच में दूसरी केंद्रीय एजेंसी डीजीजीआइ भी शामिल हुई। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने दिल्ली से पूरे ऑपरेशन की निगरानी शुरू कर दी। अंजाम तक पहुंचाने के लिए दिल्ली और भोपाल से विशेष अधिकारी इंदौर भेजे गए। 10 से ज्यादा टीमों ने 9 से 12 जून तक कार्रवाई और छापेमारी का दूसरा दौर शुरू किया। 

बाहरी गुंडों ने घेरकर कार्रवाई रोकने की कोशिश की

इसी दौरान सांवेर रोड की गुटखा-सिगरेट फैक्ट्रियों के साथ पीछे से गुटखा गिरोह चलाने वाले कारोबारियों के घरों पर भी छापा मारा। प्रेमनगर में हुई ऐसी ही छापेमारी के दौरान गुरुवार को केंद्र के अधिकारियों को बाहरी गुंडों ने घेरकर कार्रवाई रोकने की कोशिश की। शुक्रवार को सांवेर रोड स्थित एलोरा टोबैको कंपनी में जांच टीम जब कार्रवाई के लिए पहुंची तो वहां भी बाहरी लोगों ने अधिकारियों को रोकने की कोशिश की।

कार्रवाई में खलल डालने आए बाहरी व्यक्ति मीडिया के नाम का उपयोग कर कार्रवाई रोकने का दबाव बना रहे थे। इसके बाद केंद्र की जांच टीमों ने स्थानीय पुलिस की मदद ली। कार्रवाई जारी रखते हुए दो दिनों में तीन अहम लोगों को गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को कार्रवाई चलती रही। तस्करी गिरोह से जुड़े लोगों और दस्तावेज की तलाश में जांच टीम शहर के अलग-अलग हिस्सों में दबिश देती रही। 

काले धन से खड़ी की आठ कंपनियां 

केंद्र की एजेंसियों के अधिकारियों ने पता लगाया है कि गुटखा तस्करी से जुटाए काले धन को सफेद करने के लिए आठ कंपनियां खड़ी की गईं। इनमें होटल, रियल एस्टेट और मीडिया की कंपनियां भी शामिल हैं। जांच एजेंसियों ने गुटखा बनाने वाली 16 मशीनों के साथ गुटखा से भरे 10 ट्रक जब्त किए हैं। इनमें से कुछ ट्रकों पर 'प्रेस ऑन ड्यूटी" के पर्चे लगाए गए थे। इस तरीके से तस्करों ने लॉकडाउन के प्रतिबंधों को धता बताते हुए मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र तक गुटखा तस्करी की। 

225 करोड़ की टैक्स चोरी कर माल खपाया

डीजीजीआइ के अनुसार जुलाई 2019 से मार्च 2020 तक तस्कर गिरोह ने 225 करोड़ की टैक्स चोरी कर माल खपाया। इसमें देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि (अप्रैल और मई) में तस्करी किए माल का हिसाब भी जोड़ा जाए तो टैक्स चोरी करीब 400 करोड़ तक पहुंच रही है। जांच टीमों को सबूत मिले हैं कि तस्करी के लिए 70 कार्गो ट्रकों का उपयोग किया गया। 10 ट्रकों को डीजीजीआइ जब्त कर चुकी है। डीजीजीआइ के एडीजी के मुताबिक ट्रक ड्राइवरों के पास इंदौर के अखबार के प्रेस कार्ड भी बरामद किए गए हैं। मामले में जीएसटी और कर चोरी की विभिन्न् धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिए गए हैं। 

इसलिए कोडवर्ड रखा 'कर्क" 

विभागीय सूत्रों के मुताबिक जर्दा और पान मसाला का संबंध कैंसर से है, इसलिए इस कार्रवाई के लिए 'कर्क" कोडवर्ड मुफीद पाया गया।   

गुटखा तस्करी में तीन आरोपित कोर्ट कोर्ट में पेश 

इंदौर, राज्‍य ब्‍यूरो। गुटखा तस्करी मामले में डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) ने शनिवार को तीन आरोपितों को कोर्ट में पेश किया। इनमें से एक को कोर्ट ने रिमांड पर सौंप दिया, जबकि दो आरोपितों को जेल भेजने के आदेश दिए। 

डीजीजीआइ ने ट्रिपल ए इंटरप्राइजेस के संचालक विजय कुमार नायर के साथ विष्णु एसेंस के प्रोप्राइटर अशोक डागा और अमित बोथरा को शनिवार को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसी ने दोपहर में इन्हें कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के सामने डीजीजीआइ ने तथ्य पेश किए कि तीनों आरोपित अब तक 233 करोड़ की कर चोरी कर चुके हैं। इसमें नायर की हिस्सेदारी करीब 75 करोड़, जबकि अन्य दोनों ने पान-मसाले गुटखे की तस्करी से 150 करोड़ रुपए की कर चोरी की है।

जांच एजेंसियों के वकील ने कोर्ट से कहा कि विजय कुमार से पूछताछ कर कुछ लोगों का पता लगाना है। साथ ही कोडवर्ड में लिखे गए लेनदेन और तस्करी के दस्तावेज डीकोड करवाना है। कोर्ट ने जांच एजेंसियों की दलीलों से संतुष्ट होकर आरोपित नायर को 16 जून तक रिमांड पर सौंप दिया। वहीं, अन्य दो आरोपित डागा व बोथरा को जेल भेजने के आदेश दिए। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.