डॉक्टरों का करिश्मा, देश में पहली बार हुआ खोपड़ी का सफल ट्रांसप्लांट
महाराष्ट्र के पुणे में डाक्टरों ने 4 साल की बच्ची का 60 फीसदी क्षतिग्रस्त हुए स्कल को इंप्लांट कर दिया, ये ऑपरेशन देश का पहला स्कल ट्रांसप्लांट बताया जा रहा है।
पुणे, एजेंसी। महाराष्ट्र के पुणे में डाक्टरों ने करिश्मा कर दिखाया है। दूसरों को जीवनदान देने वाले डॉक्टरों को शायद इसीलिये भगवान का दर्जा दिया जाता है। दरअसल पुणे में डॉक्टर्स ने 4 साल की बच्ची का 60 फीसदी क्षतिग्रस्त हुए स्कल को इंप्लांट कर दिया। बच्ची की खोपड़ी सड़क दुर्घटना में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी जिसके बाद 3डी पॉलिथिलीन बोन से सफल ट्रांसप्लांट कर दिया। चार साल की इस बच्ची का ये ऑपरेशन देश का पहला स्कल ट्रांसप्लांट बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार डॉक्टरों ने इसके लिए बच्ची के क्षतिग्रस्त खोपड़ी के हिस्से को एक 3डी पॉलिथिलीन बोन से बदल दिया। इस पॉलिथिलीन बोन को अमेरिका की एक कंपनी ने क्षतिग्रस्त हिस्से के नाप व आकार के हिसाब से डिजाइन किया था। डॉक्टर्स का दावा है कि यह देश का पहला ऐसा स्कल ट्रांसप्लांट है।
गौरतलब है कि जिस बच्ची का स्कल ट्रांसप्लांट किया गया है वो पिछले साल 31 मई को शिरवाल में हुए एक सड़क हादसे में घायल हुई थी। दुर्घटना में बच्ची को गहरी चोटें आई थीं और खोपड़ी का एक हिस्सा भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इस समय बच्ची को दो मुश्किल ऑपरेशन के बाद घर भेज दिया गया था। डॉक्टर्स ने इस साल उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती किया था और अब सफलतापूर्वक उसकी खोपड़ी का प्रत्यारोपण किया गया है।
बच्ची का स्कल ट्रांसप्लांट करने वालों में शामिल डॉ. जितेंद्र ने बाताया कि, बच्ची के सिर में लगी चोटें गंभीर और गहरी थीं, उनके ठीक होने के बावजूद भी खोपड़ी की हड्डी क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था और उसके सिर से खून बह रहा था। उसे फौरन वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था और सीटी स्कैन में साफ हुआ था कि उसके दिमाग में सूजन है और खोपड़ी का पिछला हिस्सा टूटकर धंस गया है।
बता दें कि बच्ची को हादसे के बाद पिछले दो सालों में दो ऑपरेशन से गुजरना पड़ा। इसके बाद उसे घर भेज दिया गया था। लेकिन वह सहज नहीं थी और सिर के अजीब आकार के चलते बच्चों के बीच घुलमिल नहीं पा रही थी। उसकी खोपड़ी का ट्रांसप्लांट करने के लिए उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती किया गया। घंटों चले मुश्किल ऑपरेशन के दौरान खास तौर पर बनवाए गए स्कल की हड्डी के 3डी मॉडल को सफलतापूर्वक जोड़ा गया। बच्ची स्वस्थ है और पहले से बेहतर महसूस कर रही है।