Cyclone Vayu: चक्रवाती तूफान 'वायु' के मद्देनजर 37 ट्रेनें रद हुईं, एतहियातन लिया गया फैसला
Cyclone Vayu ने रास्ता बदलकर गुजरात और दीव के लोगों के साथ केंद्र और राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है।
नई दिल्ली, एएनआइ। चक्रवाती तुफान वायु का कहर पूरे देश में दिख रहा है। तुफान वायु के मद्देनजर एहतियात के तौर पर पश्चिम रेलवे की 37 और मेनलाइन ट्रेनों को रद कर दिया गया और 9 अन्य ट्रेनों को भी आंशिक रूप से रद कर दिया गया है।
Western Railway: 37 more mainline trains cancelled and another 9 short terminated with partial cancellation as precautionary measure in view of the #CycloneVayu. pic.twitter.com/jK0Z9VJcMh
— ANI (@ANI) June 14, 2019
'वायु' का खतरा टला
बता दें, Cyclone Vayu ने रास्ता बदलकर गुजरात और दीव के लोगों के साथ केंद्र और राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है। चक्रवात के ओमान की तरफ बढ़ जाने से फिलहाल खतरा टल गया है। लेकिन सौराष्ट्र में आगामी 24 घंटे में भारी बरसात की चेतावनी दी गई है।
चक्रवात वायु 14 जून को 03:30 बजे पूर्वोत्तर और निकटवर्ती अरब सागर पर केंद्रित था। यह दीव (गुजरात) के पश्चिम में 240 किमी और पोरबंदर (गुजरात) से लगभग 130 किमी दक्षिण पश्चिम में पिछले एक घंटे से स्थिर है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री रूपाणी ने गांधीनगर में हाई पावर कमेटी की बैठक में चक्रवात के हालात की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि चक्रवात का खतरा टल गया है, लेकिन तटीय जिलों में प्रशासन को अलर्ट रखा गया है।
मुख्य सचिव जेएन सिंह ने कहा कि भले ही खतरा टल गया है, लेकिन बचाव के लिए सभी उपाय शुक्रवार सुबह तक यथावत बने रहेंगे। सरकार ने द्वारका, पोरबंदर, वेरावल, सोमनाथ व अमरेली में दस इंच से अधिक वर्षा की चेतावनी के चलते सुरक्षा व बचावकर्मियों को शुक्रवार सुबह तक अपनी जगह पर ही बने रहने के निर्देश दिए हैं।
चक्रवात के असर से बीते 24 घंटे में राज्यभर केमौसम में बदलाव आया है। सौराष्ट्र के तटवर्ती क्षेत्रों में तेज आंधी चल रही है और समुद्र में 20 से 25 फीट ऊंची की लहरें उठ रही हैं। चक्रवात के प्रभाव से गुजरात के साथ ही राजस्थान में तेज अंधड व भारी बरसात होने की आशंका है।
राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने बताया कि यह अति भयानक चक्रवात है, जब तक पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो जाते तब तक सरकार व प्रशासन अलर्ट पर है। समुद्र तटों पर सबसे खतरनाक 9 नंबर का सिग्नल लगाया जा चुका है।
सशस्त्र बलों और कोस्ट गार्ड की मदद लेने के साथ ही राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 33 टीमों और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 10 टीमों (प्रत्येक में 90-100 जवान) को तटवर्ती जिलों में तैनात किया है। इसके अलावा सौराष्ट्र और कच्छ के विभिन्न इलाकों में सेना की 11 कॉलम (एक कॉलम में 70 जवान), बीएसएफ की दो कंपनियों, स्टेट रिजर्व पुलिस की 14 कंपनियों और तीन सौ कमांडों को तैनात किया है।
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