दो साल बाद जेल से बाहर आएगा अलगाववादी नेता मसर्रत आलम
पुलिस ने मसर्रत आलम को पाकिस्तान समर्थक रैलियों का आयोजन करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। राज्य उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसर्रत आलम पर पीएसए को खारिज करते हुए उसकी रिहाई का आदेश दिया है। वर्ष 2008 और वर्ष 2010 के दौरान कश्मीर घाटी में हुए हिंसक प्रदर्शनों का सूत्रधार मसर्रत आलम मार्च 2015 में रिहा हुआ था। लेकिन एक माह बाद अप्रैल 2015 में पुलिस ने उसे पाकिस्तान समर्थक रैलियों का आयोजन करने के आरोप में गिरफ्तार कर जन सुरक्षा अधिनियम(पीएसए) के तहत जेल भेज दिया था।
मुस्लिम लीग के प्रवक्ता ने बताया कि मसर्रत आलम पर गत दिनों राज्य प्रशासन ने 35वीं बार पीएसए लगाया था। इसे अदालत में चुनौती दी गई थी। राज्य उच्च न्यायालय में जस्टिस आलोक अराधे की अदालत में आज इस मामले की सुनवाई हुई और उन्होंने हमारे पक्ष को सही ठहराते हुए पीएसए को खारिज कर दिया।
उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया है कि अगर किसी अन्य मामले में मसर्रत आलम की जरुरत नहीं है तो उसे तत्काल रिहा किया जाए। इसी सप्ताह मसर्रत आलम को श्रीनगर की एक अदालत में एक मामले की सुनवाई के सिलसिले में लाया गया था। उसके बाद उसे दोबारा कोट भलवाल जम्मू जेल ले जाया गया था। फिलहाल, वह कोट भलवाल जेल में ही हैं।
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