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एक आदमी 30 दिन में 406 लोगों को कर सकता है इन्फेक्ट: स्वास्थ्य मंत्रालय

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में अब तक कोरोना वायरस के 4421 केस सामने आए हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 04:16 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 07:51 PM (IST)
एक आदमी 30 दिन में 406 लोगों को कर सकता है इन्फेक्ट: स्वास्थ्य मंत्रालय
एक आदमी 30 दिन में 406 लोगों को कर सकता है इन्फेक्ट: स्वास्थ्य मंत्रालय

नई दिल्‍ली, एएनआइ। देश में कोरोना वायरस से निपटने और लॉकडाउन की स्थिति पर स्‍वास्‍थ्‍य और गृह मंत्रालय की संयुक्‍त कांफ्रेंस मंगलवार को हुई। इस मौके पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि  देश में अब तक कोरोना वायरस के 4,421 केस सामने आए हैं। सोमवार से अब तक 354 मामले सामने आए हैं। अब तक 326 लोग अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज हो चुके हैं।

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लव अग्रवाल ने कहा कि ICMR के अध्ययन से पता चलता है कि  COVID-19 मरीज 30 दिनों में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है, यदि वह लॉकडाउन, सामाजिक दूरी का पालन नहीं करता है। अगर हम लॉकडाउन कर दें तो एक व्यक्ति केवल 2.5 को संक्रमित कर सकता है। उन्‍होंने कहा कि अब तक लॉकडाउन को बढ़ाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। कृपया कोई अटकल न लगाएं। 

एक व्यक्ति 406 लोगों को कर सकता है ग्रसित

यदि कोई रोकटोक नहीं हो, कोरोना से ग्रसित एक व्यक्ति एक महीने 406 लोगों को ग्रसित कर सकता है। लव अग्रवाल ने आइसीएमआर की ओर से कराए गए एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना के एक व्यक्ति एक दिन में औसतन 2.5 लोगों को कोरोना से ग्रसित करता है। इस तरह वह 30 दिन में 406 तक कोरोना का वायरस पहुंचा देता है। लेकिन लॉकडाउन और दूसरे सोशल डिस्टेंसिंग के कदमों को कड़ाई से लागू कर इसके फैलने की गति को 75 फीसदी कम करने में सफल होते हैं, तो एक व्यक्ति 30 दिन में केवल 2.5 लोगों को कोरोना फैला पाएगा। उन्होंने कहा कि स्टडी ने सिद्ध कर दिया है कि सोशल डिस्टेंसिंह से कोरोना वायरस को रोकने में कामयाब हो सकते हैं।

नोएडा, आगरा, पूर्वी दिल्ली की तारीफ

सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देशों को कड़ाई से लागू कर कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लव अग्रवाल ने आगरा, नोएडा, पूर्वी दिल्ली और भीलवाड़ा जैसे कई जिला प्रशासन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कभी हॉटस्पॉट के रूप में सामने आए जिले आज दूसरे जिलों के लिए कोरोना को नियंत्रित करने में रोल मॉडल बनकर उभर रहे हैं। लव अग्रवाल ने कहा कि राज्यों को कोरोना के मरीजों के प्रबंधन के लिए विस्तृत गाइडलाइंस भी जारी की गई है। इसमें राज्यों को कोरोना के माइल्ड, मोडरेट और सिवियर केस के लिए अलग-अलग व्यवस्था करने को कहा गया है। कोरोना के माइल्ड मरीजों के लिए किसी भी तरह के सपोर्ट सिस्टम की जरूरत नहीं पड़ेगी और सामान्य दवाओं से उनका इलाज हो सकता है। जबकि मोडेरेट के कुछ मामलों और सिवियर केस में वेंटिलेटर जैसे लाइफसपोर्ट सिस्टम की व्यवस्था किया जाना अनिवार्य है।

25 डिब्‍बों में 40 हजार आइसोलेशन बेड बनाए 

लव अग्रवाल ने कहा कि भारतीय रेलवे ने 2,500 डिब्बों में 40,000 आइसोलेशन बेड तैयार किए हैं। वे प्रतिदिन 375 अलगाव बेड तैयार कर रहे हैं और यह देश भर में 133 स्थानों पर चल रहा है। 

उन्‍होंने कहा कि सरकार क्लस्टर नियंत्रण और प्रबंधन के लिए उत्तरदायी है। कोरेाना वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए एक रणनीति अपना रही है। यह रणनीति विशेष रूप से आगरा, गौतमबुद्ध नगर, पठानमथिट्टा, भीलवाड़ा और पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन में सकारात्मक परिणाम दे रही है। 

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के रमन गंगाखेडकर ने कहा कि अब तक कोरोना वायरस के  1,07,006 टेस्‍ट किए गए हैं। वर्तमान में 136 सरकारी प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं और 59 निजी प्रयोगशालाओं  को अनुमति दी गई है। 

देश में आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की स्थिति संतोषजनक: MHA 

गृह मंत्रालय की संयुक्‍त सचिव पुण्‍य सलिला श्रीवास्‍तव ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की स्थिति संतोषजनक है। गृह मंत्री ने आवश्यक वस्तुओं और लॉकडाउन उपायों की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की है, जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के निर्देश भी दिए गए हैं।


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