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छत्‍तीसगढ़: नक्‍सलियों पर ऑपरेशन मानसून की गाज, 53 दिन में 35 नक्सली ढेर

15 जून को ऑपरेशन मानसून लांच किया है। इसके तहत भरी बारिश में फोर्स नक्सलियों के मांद में घुसकर उन्हें ललकार रही है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 09:09 AM (IST)Updated: Tue, 07 Aug 2018 09:47 AM (IST)
छत्‍तीसगढ़: नक्‍सलियों पर ऑपरेशन मानसून की गाज, 53 दिन में 35 नक्सली ढेर
छत्‍तीसगढ़: नक्‍सलियों पर ऑपरेशन मानसून की गाज, 53 दिन में 35 नक्सली ढेर

जगदलपुर [ रीतेश पांडेय ]। छत्‍तीसगढ़ के जगदलपुर में नक्सलियों के टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैम्पेन (टीसीओसी) के जवाब में पहली बार फोर्स ने 15 जून को ऑपरेशन मानसून लांच किया है। इसके तहत भरी बारिश में फोर्स नक्सलियों के मांद में घुसकर उन्हें ललकार रही है। इस ऑपरेशन के 53 दिन में अब तक फोर्स को 35 नक्सलियों को मार गिराया है।
नक्सली हर साल मई-जून के महीने में टीसीओसी चलाते हैं। इसके तहत अपने कैडर को मजबूत करने के लिए वह नए रंगरूटों की भर्ती करते हैं। वहीं प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से इस कैडर को हथियार चलाने से लेकर तमाम जानकारियां दी जाती हैं।

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कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा क्षेत्र में नौ जुलाई को हुई मुठभेड़ में बीएसएफ के दो जवान शहीद हुए थे। वहीं, अन्य मुठभेड़ों में इक्का-दुक्का जवान घायल हुए हैं। 126 जून को कोंडागांव जिले में तीन लाख की इनामी महिला नक्सली ने समर्पण किया। 18 जून को बस्तर जिले के दरभा क्षेत्र में सक्रिय आठ मिलिशिया सदस्यों ने हथियार डाले।
छह जुलाई को सुकमा में आठ लाख की इनामी महिला नक्सली एंकी समेत सात माओवादियों ने समर्पण किया था। 28 जुलाई को कोंडागांव जिले के मर्दापाल थाना में कुदूर जनताना सरकार अध्यक्ष व बयानार एरिया कमेटी सदस्य तीन लाख के इनामी नक्सली बालकू ने एसपी के समक्ष हथियार डाले थे।
डीजी (नक्सल ऑपरेशन) डीएम अवस्थी ने बताया कि इंटेलिजेंस बेस्ड सूचना के आधार पर इस ऑपरेशन को प्लान किया गया था, तब 15 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता मिली है। नक्सली आराम से अपने कैंप में सोए हुए थे और डीआरजी के जवानों ने धावा बोल दिया। अचानक हुई फायरिंग के बाद नक्सलियों ने फोर्स पर जवाबी हमला करने की कोशिश की, लेकिन मुस्तैद जवानों ने हमले को विफल करते हुए बड़ी सफलता अर्जित की। नक्सलियों को भरोसा नहीं था कि फोर्स यहां तक पहुंच सकती है।
कोंटा से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित गोलापल्ली तक सीधी सड़क नक्शे पर दिखती है, लेकिन हकीकत में नहीं है। कोंटा से बडा तक ही रास्ता चालू है। इसके आगे नक्सलियों की दहशत है। सड़क जगह-जगह उड़ा दी गई है। तीन दशकों से इस मार्ग को दोबारा शुरू करने की कोशिश तक नहीं हो पाई थी। ऐसे बीहड़ में घुसकर डीआरजी जवानों ने जो हिम्मत दिखाई है वह काबिले तारीफ है।

15 जून से अब तक मारे गए नक्सली

1- 15 जून को तोकनपल्ली व मेटा पहाड़ी के बीच एलओएस डिप्टी कमांडर समेत तीन नक्सली ढेर

2-30 जून को सुकमा फूलबगड़ी के गंधारपारा में एक नक्सली ढेर

3- 01 जुलाई को बीजापुर एत्तापाल के जंगल में एक नक्सली मारा गया

4- 04 जुलाई को नारायणपुर में आठ-आठ लाख के इनामी दो नक्सली मारे गए

5- 06 जुलाई को दंतेवाड़ा कटेकल्याण थाना क्षेत्र के डब्बाकुना की पहाड़ियों में तीन नक्सली ढेर

6- 11 जुलाई को सुकमा मिनपा के जंगल में दो वर्दीधारी नक्सली मारे गए

7-19 जुलाई को बीजापुर तिमेपुर के जंगल में आठ नक्सली ढेर

8- 06 अगस्त को सुकमा नुलकातोंग में 15 नक्सली मारे गए


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