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चंबल में एक साल में बढ़े 317 घड़ियाल, घट रहे डॉल्फिन कुनबे में भी आए 14 नए सदस्य

ताजा गणना के अनुसार घड़ियालों की संख्या 317 बढ़ी है। इससे पहले 2018 की गणना में अभयारण्य में सर्वाधिक 426 घड़ियाल बढ़े थे। दूसरी अच्छी बात यह रही कि सात साल में चंबल नदी में घड़ियाल लगभग दोगुने हो गए।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 06:18 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 06:18 PM (IST)
चंबल में एक साल में बढ़े 317 घड़ियाल, घट रहे डॉल्फिन कुनबे में भी आए 14 नए सदस्य
मगरमच्छों की संख्या भी 710 से बढ़कर 886 हुई

मुरैना [हरिओम गौड़]।  बीता साल कोरोना के कारण दुनियाभर के लिए भले ही मुसीबतों भरा रहा हो, लेकिन चंबल नदी के जलीय जीवों के लिए सुनहरा रहा है। बीते एक साल में चंबल नदी में पाए जाने वाले हर जलीय जीव का कुनबा बढ़ा है। घड़ियालों की संख्या में दूसरी सबसे बड़ी बढ़त दर्ज हुई है तो बीते पांच साल से घटते जा रहा गेंगेटिक डॉल्फिन (प्लेटिनेस्टा गेंगेटिका) के कुनबे में 14 सदस्य बढ़े हैं। चंबल घड़ियाल अभयारण्य में हर साल घड़ियाल, मगरमच्छ व डॉल्फिन की गणना जनवरी-फरवरी में होती है।

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ताजा गणना के अनुसार घड़ियालों की संख्या 317 बढ़ी है। इससे पहले 2018 की गणना में अभयारण्य में सर्वाधिक 426 घड़ियाल बढ़े थे। दूसरी अच्छी बात यह रही कि सात साल में चंबल नदी में घड़ियाल लगभग दोगुने हो गए। 2014 में 1102 घड़ियाल थे जो इस साल की गणना में 2176 हो गए हैं। डॉल्फिन के मामले में भी खुशखबरी है। 2016 में 78 डॉल्फिन गिनी गई थीं। इसके बाद इनकी संख्या साल दर साल कम हो रही थी। इसी कारण वर्ष 2019 में डॉल्फिन की गिनती ही नहीं की गई। 2020 की गणना में 68 डॉल्फिन चंबल में बताई गई थीं। इस बार इनकी संख्या 82 हो गई है।

गौरतलब है कि श्योपुर में 60 किमी लंबी पार्वती नदी व श्योपुर-मुरैना-भिंड तक 435 किमी लंबी चंबल नदी में इस बार एक से 16 फरवरी तक घड़ियाल अभयारण्य के कर्मचारियों के साथ शोधकर्ताओं, जलीय जीव विशेषज्ञों और भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों ने यह गणना की थी। मगरमच्छ हुए दोगुने लेकिन घड़ियालों के लिए यह चिंता की बात चंबल नदी में मगरमच्छ भी लगातार बढ़ रहे हैं। साल 2016 में 454 मगरमच्छ थे वे भी इस साल की गणना में लगभग दोगुने 886 हो गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मगरमच्छ घड़ियालों के लिए भोजन की कमी का कारण बन जाते हैं। जहां मगरमच्छ रहते हैं, वहां से घड़ियालों को पलायन करना पड़ता है। मगरमच्छ का बढ़ना घड़ियालों के लिहाज से चिंताजनक है।

टेबल गणना

वर्ष घड़ियाल डॉल्फिन मगरमच्छ

2016 1162 78 454

2017 1255 75 562

2018 1681 74 613

2019 1876 सर्वे नहीं 706

2020 1859 68 710

2021 2176 82 886

मुरैना डीएफओ अमित निगम ने कहा, 'चंबल घड़ियाल अभयारण्य में जलीय जीवों की सालाना गणना पूरी हो चुकी है। साल 2020 जलीय जीवों की संख्या के हिसाब से बहुत अच्छा रहा है। डॉल्फिन की संख्या बढ़ना अच्छे संकेत हैं। देश में कहीं भी घड़ियालों की संख्या इतनी नहीं बढ़ रही।'


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