खुलासा: 2016 से 2018 के दौरान lOC पर आतंकी हमले में 31 जवान हुए थे शहीद
जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 2016 से 2018 के दौरान आतंकी हमलों में 31 सैन्यकर्मी शहीद हुए हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 2016 से 2018 के दौरान आतंकी हमलों में 31 सैन्यकर्मी शहीद हुए हैं। रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने सोमवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
नाइक ने बताया कि 2016 में नियंत्रण रेखा पर हुए आतंकी हमलों में छह सैन्यकर्मी, 2017 में 13 सैन्यकर्मी और 2018 में 18 सैन्यकर्मी शहीद हुए हैं। उन्होंने बताया, आतंकी हमलों का मुकाबला करने के लिए सभी सीमा चौकियां पर्याप्त रूप से सक्षम हैं। लगातार सुधार एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग सहित विभिन्न प्रयासों से रक्षा संबंधी तैयारी को अधिक पुख्ता बनाया गया है। मंत्री ने कहा कि सेना आतंकी घटनाओं और विभिन्न घटनाओं के दौरान चिह्नित सुरक्षा उल्लंघनों का गहन विश्लेषण भी करती है।
बता दें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को 5 अगस्त को हटाया गया। इसके बाद से राज्य में एलओसी पर आतंकी हमलों में कमी आई है। पाक की तरफ से समय-समय पर सीजफायर की खबरें आती रहती हैं। ऐसे में इसको रोकने के लिए भारत सरकारा की यह फैसला लागू हुए तीन महीने से ज्यादा हो गए हैं। इसका विरोध लगातार पाकिस्तान की तरफ से किया जा रहा है। इमरान खान तो जम्मू कश्मीर के बारे में अफवाह भी फैला रहा है। वहीं दूसरों देशों ने इस मामले में हस्तझेप देने से मना कर दिया।
हनी ट्रैप के खिलाफ कठोर नीति का पालन कर रहे हैं सशस्त्र बल
रक्षा राज्यमंत्री नाइक ने कहा, हनी ट्रैप के मामलों को देखते हुए सशस्त्र बल संबंधित दिशानिर्देश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण संस्थानों में आने वाले नए जवानों पर विशेष ध्यान भी दिया जा रहा है। दुश्मन देश की एजेंसियां सशस्त्र बलों में भारतीय अधिकारियों को हनी ट्रैप में फांसने का प्रयास कर रही हैं।