महाराष्ट्र-गुजरात सीमा से लौटाए गए 3,000 प्रवासी मजदूर, पैदल ही जा रहे थे राजस्थान
महाराष्ट्र-गुजरात सीमा से पैदल ही अपने-अपने घरों को लौट रहे 3000 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र-गुजरात सीमा से लौटा दिया गया है।
पालघर, पीटीआइ। पैदल ही अपने-अपने घरों को लौट रहे मुंबई महानगरीय क्षेत्र में काम करने वाले गुजरात और राजस्थान के 3,000 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र-गुजरात सीमा से लौटा दिया गया है। लॉकडाउन के मद्देनजर दोनों राज्यों की सीमा पहले से सील है।पुलिस ने बताया कि ये लोग मुंबई, बोईसर, विरार, वसई, वाशी और आसपास के इलाकों में काम करते हैं। लॉकडाउन की वजह से परिवहन का कोई साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण इन लोगों ने पैदल ही राजस्थान और गुजरात की यात्रा शुरू कर दी थी।
चूंकि राज्य की सीमाएं सील होने की वजह से वे सीमा पार नहीं कर पाए लिहाजा वे पालघर के तलासरी तालुका के अचड गांव में फंस गए थे। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एक जगह इकट्ठा होना बेहद खतरनाक है इसलिए जिला और पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मुंबई और आसपास के उनके घरों को लौटने के लिए मनाना शुरू किया। शुरुआत में वे गुजरात और राजस्थान जाने पर अड़े रहे, लेकिन बाद में लौटने के लिए राजी हो गए। तलासरी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर अजय वसावे ने बताया, 'अधिकारियों ने उन्हें खाना उपलब्ध कराया और उनके लौटने का प्रबंध किया।'
कंटेनर ट्रकों में तेलंगाना से राजस्थान लौटे 225 प्रवासी
परिवहन के किसी साधन के अभाव में करीब 225 प्रवासी मजदूर तीन कंटेनर ट्रकों में छिपकर हैदराबाद (तेलंगाना) से बीकानेर-नागौर (राजस्थान) लौटने में सफल रहे। इन लोगों में एक युवा महिला भी शामिल है जो अपने दो नाबालिग बच्चों को साथ लेकर लौटी है। इन लोगों ने 2,000 किमी की दूरी करीब 60 घंटों में इन्हीं कंटेनरों में पूरी की।
राजस्थान जा रहे 10 प्रवासी मजदूर हिरासत में
दूध के खाली टैंकर में छिपकर ठाणे जिले के कल्याण से राजस्थान जा रहे 10 प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र में पालघर पुलिस ने हिरासत में लिया है। इनमें कुछ महिलाएं भी हैं। इनके अलावा नई मुंबई के कलंबोली चेक नाके पर ऐसे ही कुछ प्रवासी टैंपो में भरकर जाते हुए पकड़े गए।