Move to Jagran APP

आंध्र में गैस रिसाव, 11 की मौत, मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजे का एलान

विशाखापत्तनम की केमिक फैक्ट्री में हुए गैस रिसाव में एक बच्चे सहित 11 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। 800 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 08:33 AM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 08:14 PM (IST)
आंध्र में गैस रिसाव, 11 की मौत, मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजे का एलान
आंध्र में गैस रिसाव, 11 की मौत, मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजे का एलान

विशाखापत्तनम, प्रेट्र। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में गुरुवार अलसुबह हुए एक गैस लीक हादसे में 11 लोगों की जान चली गई। हादसे में आसपास के गांवों के हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। करीब दो दर्जन लोगों की हालत गंभीर है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। कृत्रिम रबर बनाने में इस्तेमाल होने वाली गैस स्टीरीन के प्रभाव में आने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। गैस लीक के कारणों का पता लगाने के लिए राज्य सरकार ने जांच का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस दुर्घटना पर दुख जताया है।

loksabha election banner

दक्षिण कोरियाई कंपनी एलजी केम द्वारा संचालित एलजी पॉलीमर्स के कारखाने में गैस रिसाव अलसुबह ढाई बजे के आसपास हुआ, जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे। गैस तेजी से आसपास के इलाकों में फैल गई। चीख-पुकार मचने से जब तक लोगों की आंख खुली तब तक कई लोग गैस के प्रभाव में आ चुके थे। बहुत से लोग नींद में ही बेहोश हो गए थे। फैक्ट्री के करीब पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले कुछ गांव इससे प्रभावित हुए हैं। फैक्ट्री आर आर वेंकटपुरम गांव में स्थित है। गैस रिसाव के कारण जान गंवाने वालों में एक बच्चा भी है। वहीं दो लोगों की मौत एक बोरवेल में गिरने से हो गई। ये लोग गैस से बचने की कोशिश में भाग रहे थे।

यह फैक्ट्री लॉकडाउन के दौरान बंद चल रही थी। पुलिस और बचावकर्मी लोगों को अस्पताल पहुंचा रहे हैं। लोगों को बचाने के लिए पहुंचे कुछ पुलिसकíमयों की हालत भी गैस के कारण खराब हो गई है। यहां तीन किलोमीटर के दायरे में रहने वाले करीब 250 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है। गैस के कारण जानवर और पक्षी भी बेहोश हुए हैं। 1961 में हिंदुस्तान पॉलीमर्स के नाम से इस कंपनी की स्थापना हुई थी। जुलाई, 1997 में दक्षिण कोरिया की कंपनी एलजी केम ने इसका अधिग्रहण कर लिया था और इसका नाम एलजी पॉलीमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कर दिया गया था।
चल रही जांच
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने घटना की जांच का आदेश दिया है। राज्य के डीजीपी डी. गौतम सावंग ने कहा, 'गैस कैसे लीक हुई और प्लांट में लगा न्यूट्रलाइजर इस रिसाव को रोकने में कारगर क्यों नहीं साबित हुआ, इसकी जांच की जाएगी। स्टीरीन आमतौर पर जहरीली गैस नहीं है लेकिन अगर सांस के रास्ते ज्यादा गैस शरीर में चली जाए तो जानलेवा हो सकती है।' यह गैस नर्वस सिस्टम, गले, त्वचा और आंखों पर असर करती है।
सैकड़ों लोग प्रभावित
सूत्रों का कहना है कि गैस के रिसाव को सुबह की रोक लिया गया था, लेकिन कई घंटे बाद तक इसका असर सामने आता रहा। जैसे-जैसे दिन बीता, हादसे की गंभीरता सामने आती गई। सैकड़ों गांव वाले आंख में जलन, सांस में तकलीफ और चक्कर की स्थिति का सामना कर रहे हैं। प्रभावितों में बड़ी संख्या बच्चों की है। लोग यथासंभव एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर लोगों को बस प्राथमिक चिकित्सा की जरूरत है।
स्थिति नियंत्रण में
एलजी केम का कहना है कि गैस रिसाव पर नियंत्रण पा लिया गया है। हालांकि गैस से चक्कर आने जैसी शिकायत हो सकती है, इसलिए हर प्रभावित का पर्याप्त इलाज सुनिश्चत किया जा रहा है। कंपनी गैस रिसाव के असल कारण का पता लगाने की कोशिश कर रही है। कंपनी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण कारखाना बंद था, इसलिए घटना में कंपनी के किसी कर्मचारी की जान नहीं गई है। भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत शिन बोंग किल ने घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.