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NCRB ने जारी किया डाटा, जानिए कितने विदेशियों ने भारत में अपराध को दिया अंजाम

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने डाटा जारी किया है। इसके अनुसार 2018 में भारत में 3882 विदेशी गिरफ्तार किए गए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 05:25 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 05:38 PM (IST)
NCRB ने जारी किया डाटा, जानिए कितने विदेशियों ने भारत में अपराध को दिया अंजाम
NCRB ने जारी किया डाटा, जानिए कितने विदेशियों ने भारत में अपराध को दिया अंजाम

नई दिल्‍ली, प्रेट। 2018 में 3800 से ज्यादा विदेशियों को गिरफ्तार किया गया। विदेशियों द्वारा किए गए कुल अपराध में से 35 फीसद अकेले बंगाल में हुए। यह जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से सामने आई है।

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 2018 में पूरे भारत से गिरफ्तार किए गए 3,882 विदेशियों में से 2,859 पुरुष हैं और 963 महिलाएं हैं।

एनसीआरबी ने देश भर में 2018 में विदेशियों द्वारा किए गए 2,128 अपराधों को दर्ज किया, जबकि 2017 में यह संख्या 2,242 और 2016 में 1,226 थी। उसी वर्ष के दौरान भारत में विदेशियों के खिलाफ 517 अपराध हुए। 2017 में 492 और 2016 में 382 अपराध हुए।

एनसीआरबी ने कहा कि अकेले दिल्ली ने 2018 में 36 प्रतिशत से अधिक मामलों की सूचना दी। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पश्चिम बंगाल ने विदेशियों द्वारा किए गए 744 अपराधों की सूचना दी, जिसमें पूरे भारत में ऐसे अपराधों की कुल संख्या का 35 प्रतिशत है।  

डॉटा में दिखाया गया कि दिल्ली में विदेशियों द्वारा किए गए 203 अपराध (9.5 प्रतिशत), इसके बाद कर्नाटक में 175 (8.2 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश में 147 (6.9 प्रतिशत), गोवा में 138 (6.5 प्रतिशत) और महाराष्ट्र में 134 (6.3 प्रतिशत) हैं।   

डॉटा में दिखाया गया कि विदेशी अधिनियम, 1946 और  विदेशियों के पंजीकरण के अधिनियम, 1939 में रिपोर्ट किए गए मामलों की अधिकतम संख्या 999 है।  इसके बाद 148 नारकोटिक ड्रग एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम में, पासपोर्ट अधिनियम के तहत 148 और 113 धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए। 

हत्या के 16, दुष्‍कर्म के सात, अपहरण और अपहरण के छह और मानव तस्करी के पांच मामले भी थे। डाटा में दिखाया गया कि विदेशियों के खिलाफ किए गए अपराध के मामले में दिल्ली में 189 मामले (36.6 प्रतिशत), महाराष्ट्र में 63 (12.2 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश में 62 (12 प्रतिशत), तमिलनाडु में 51 (9.9 प्रतिशत), 34, गोवा में 34 (6.6 प्रतिशत) और कर्नाटक में 28 (5.4 प्रतिशत) हैं। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत एनसीआरबी अपराध पर डेटा एकत्र करने और उसका विश्लेषण करने के लिए जिम्मेदार है, जैसा कि भारतीय दंड संहिता और देश में विशेष और स्थानीय कानूनों द्वारा परिभाषित किया गया है। 


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