तीन घंटे के ऑपरेशन के बाद महिला के पेट से निकाला गया 24 किलो का ट्यूमर
मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने बताया कि वेस्ट गारो हिल्स जिले के एक अस्पताल में 37 वर्षीय महिला के पेट से तीन घंटे के ऑपरेशन के बाद 24 किलो का ट्यूमर निकाला गया है।
शिलांग, आइएएनएस। मेघालय में डॉक्टरों की टीम ने एक महिला के पेट से 24 किलोग्राम का ट्यूमर निकालने में सफलता हासिल की है। मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा (Conrad K. Sangma) ने बताया कि यह मामला वेस्ट गारो हिल्स जिले के एक अस्पताल का है, जहां एक 37 वर्षीय महिला के पेट से तीन घंटे ऑपरेशन के बाद 24 किलो का ट्यूमर निकाला गया है।
बुधवार को सीएम संगमा ने ट्वीट करके बताया कि तूरा मैटरनिटी एंड चाइल्ड हॉस्पिटल में तीन घंटे की सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाल दिया है। उन्होंने इसके लिए डॉक्टरों को बधाई भी दी है। उन्होंने ट्वीट में कहा, "मैं डॉक्टर विंस मोमिन (Dr. Vince Momin) और मेडिकल टीम को ऑपरेशन की सफलता के लिए बधाई देता हुं और मरीज की जल्द रिकवरी की कामना करता हुं।"
अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ इसिल्डा संगमा (Icylda Sangma) ने कहा कि यह महिला ईस्ट गारो हिल्स की रहने वाली है। 29 जुलाई को पेट में भीषण दर्द उठने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और तीन अगस्त को उसकी सर्जरी की गई। बताया जा रहा है कि महिला को एक डॉक्टर ने खून दिया है जबकि समुदाय के सदस्यों ने सर्जरी और ट्रीटमेंट के अन्य खर्चों के लिए आर्थिक सहयता की है।
झारखंड में एक महिला के पेट से निकाला गया 14 किलो का ट्यूमर
पिछले महीने झारखंड के प्रखंड मुख्यालय थाना के निकट स्थित संजीवनी नर्सिंग होम के सर्जन में ऑपरेशन के जरिए एक 25 वर्षीय महिला के पेट से 14.300 किलोग्राम का ट्यूमर निकाला गया। इस महिला का नाम बुखराना खातून है जो मेहरमा प्रखंड क्षेत्र के माल प्रतापपुर ग्राम निवासी मुन्ना अंसारी की पत्नी हैं। उनके परिजनों के मुताबिक बुखराना खातून पिछले करीब 1 साल से लगातार गंभीर रूप से बीमार थी। बिहार राज्य के कहलगांव, भागलपुर, पटना आदि कई जगहों के बड़े चिकित्सकों को दिखा कर इलाज कराने का प्रयास किया। लेकिन कहीं भी इलाज कराने में सफलता नहीं मिल पाई। तब वे 1 सप्ताह पूर्व ठाकुरगंगटी प्रखंड मुख्यालय थाना के निकट संजीवनी नर्सिंग होम में दिखाने के लिए आई। चिकित्सक राधेश्याम मिश्रा ने देखने के बाद पीड़ित महिला बुखाराना खातून को नर्सिंग होम में भर्ती लिया और उसके बाद इलाज शुरू किया।