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2,000 करोड़ के मनी लांड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

निम्न गुणवत्ता के हीरों को अधिक मूल्य का घोषित कराकर करते थे आयात

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 06:45 PM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 06:59 PM (IST)
2,000 करोड़ के मनी लांड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार
2,000 करोड़ के मनी लांड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

मुंबई, प्रेट्र। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने भारत डायमंड बोर्स (बीडीबी) में 2,000 करोड़ रुपये के मनी लांड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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एक अधिकारी ने बताया, डीआरआइ ने हाल ही में एक सूचना के अाधार पर बांद्रा कुर्ला स्थित बीडीबी में छापेमारी की थी। इस दौरान वहां से निम्न गुणवत्ता वाले हीरों की एक खेप बरामद हुई। उनका घोषित मूल्य 156 करोड़ रुपये था। बाद में जब उन हीरों का पुनर्मूल्यांकन कराया गया तो उनकी कीमत सिर्फ 1.2 करोड़ रुपये निकली।

जांच के दौरान पता चला कि इन हीरों को निर्यातकों की मिलीभगत से हांगकांग और दुबई के बाजारों से आयात किया गया था। छापे के दौरान 10 लाख रुपये की नकदी, 2.2 करोड़ रुपये के डिमांड ड्राफ्ट, चेक बुक्स, आधार का‌र्ड्स और पेन का‌र्ड्स भी बरामद हुए हैं। बताते हैं कि गिरफ्तार किए गए चारों व्यक्ति हीरा मूल्यांकनकर्ताओं के पैनल के कुछ सदस्यों की मदद से अपने हीरों के घोषित मूल्य पर उनकी मंजूरी हासिल कर लेते थे।

बीडीबी के उपाध्यक्ष मेहुल शाह ने कहा, 'गिरफ्तार किए गए इन मूल्यांकनकर्ताओं का नाम हीरा उद्योग के किसी व्यक्ति ने नहीं सुना है। हमें आश्चर्य होता है कि ये कैसे हीरों का मूल्यांकन कर रहे थे। हमारे उद्योग का दायरा बेहद छोटा है और लोग एक-दूसरे को जानते हैं। एक-दो दिन में चीजें पूरी तरह साफ हो जाएंगी। हमें जांच एजेंसियों और सरकारी विभागों पर पूरा भरोसा है।'

वहीं, उद्योग के सूत्रों का कहा है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ही 'जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल' सरकार से मूल्यांकनकर्ताओं के लिए एकमात्र मंजूरी प्राधिकारी बनने का अनुरोध करती रही है। काउंसिल पिछले तीन महीनों से डीआरआइ और सरकार के साथ मिलकर काम कर रही थी और यह कार्रवाई इन्हीं संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।


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